scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमविदेशपीएम मोदी ने कहा, भारत-रूस सस्ती दरों पर तीसरी दुनिया के देशों लिए बना सकते हैं सैन्य उपकरण

पीएम मोदी ने कहा, भारत-रूस सस्ती दरों पर तीसरी दुनिया के देशों लिए बना सकते हैं सैन्य उपकरण

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को रूस पहुंचे हैं. रूस की न्यूज एजेंसी तास (TASS) को दिए एक साक्षात्कार में यह बातें कही.

Text Size:

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और रूस को तीसरी दुनिया के देशों के लिए सस्ती दरों पर संयुक्त उद्यम ढांचे के तहत सस्ते सैन्य उपकरणों के उत्पादन को भारत में बनाकर लाभ उठाने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को यहां पहुंचे. इस दौरान वे वार्षिक ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में शिरकत करेंगे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

मोदी ने रूस की न्यूज एजेंसी तास (TASS) को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘आज, अगर तकनीकों को स्थानांतरित कर दिया जाए तो भारत में सैन्य उपकरणों का उत्पादन सस्ता हो सकता है. और हम इन हथियारों को तीसरी दुनिया देशों को बहुत कम कीमत पर उपलब्ध करा पाएंगे. भारत और रूस को इस अवसर का लाभ उठाने की जरूरत है.’ प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत-रूस साझेदारी सैन्य और तकनीकी सहयोग के ढांचे से आगे बढ़ी है, जैसा कि मास्को ने गगनयान परियोजना के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने के लिए बढ़ाई गई सहायता में सामने आया.

पुतिन के साथ वार्ता और होंगे समझौते

बुधवार शाम मोदी और पुतिन की वार्ता के दौरान कुछ समझौते हो सकते हैं. दोनों नेताओं की वार्ता में रणनीतिक संबंधों को नई गति देने पर फोकस किया जा सकता है. वार्ता में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश तथा रक्षा, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर फोकस किया जा सकता है.

वार्ता के दौरान जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव पर भी चर्चा हो सकती है. रूस ने मध्यस्थता करने के पाकिस्तान के आग्रह को पहले ही यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है.

मोदी और पुतिन भारत तथा पांच देशों के एक समूह यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के बीच एक फ्री ट्रेड जोन स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकते हैं. इस समूह में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अर्मेनिया और बेलारूस हैं. सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था के स्थाई विकास के लिए 2015 में इसका गठन किया गया था. दोनों नेताओं की वार्ता में भारत तथा यूरेशियाई क्षेत्र के बीच आर्थिक संबंध को प्रोत्साहन देने वाले प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है.

(न्यूज एजेंसी एएनआई और आईएनएस के इनपुट्स के साथ)

 

share & View comments