(पॉल एश्टन, जीव विज्ञान प्रमुख, एज हिल यूनिवर्सिटी)
ऑर्म्सकर्क (यूके), एक मार्च (द कन्वरसेशन) फरवरी के मध्य में हेजगेरो फूल पारंपरिक रूप से बर्फ की तरह सफेद दिखाई देते हैं; इस वर्ष बसंत के अग्रदूत कहे जाने वाले ब्लैकथॉर्न के खिलने से हर तरफ सफेद रंग बिखरा है। हालांकि गीली और उदास सर्दियों के बाद यह एक स्वागत योग्य संकेत हो सकता है, लेकिन मौसम की करवटों पर करीबी नजर रखने वाले विशेषज्ञों वालों के लिए यह बेचैनी का सबब है। मुझे हैरानी इस बात की है कि क्या यह पौधा हमेशा फरवरी के मध्य में फूल देता है, या कुछ बदल रहा है?
सौभाग्य से, मौसमी घटनाओं को रिकॉर्ड करने और समझने के विज्ञान, फ़ीनोलॉजी का ब्रिटेन में एक लंबा इतिहास है। 18वीं सदी के प्रकृतिवादी रॉबर्ट मार्शम ने 1736 से ही अपने नॉरफ़ॉक गांव में फूलों, पक्षियों और कीड़ों की उपस्थिति का रिकॉर्ड रखा था। मार्शम के वंशजों ने 1958 तक रिकॉर्डिंग जारी रखी। वुडलैंड ट्रस्ट नेचर कैलेंडर के साथ इस परंपरा को बनाए रखता है। वह योजना जिसमें जनता के सदस्यों को विभिन्न मौसमी घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
वैज्ञानिकों द्वारा 2022 में लगभग पांच लाख पौधों के रिकॉर्ड के विस्तृत विश्लेषण से पता चला कि जब सभी प्रजातियों पर एक साथ विचार किया गया तो ब्रिटेन में फूल आने का औसत समय पिछले 40 वर्षों में एक महीने आगे बढ़ गया था। प्रजातियों के बीच भिन्नता थी। नागफनी, सामान्य हेजगेरो पौधा, आमतौर पर 1980 के दशक की शुरुआत की तुलना में 13 दिन पहले खिलता है, जबकि हॉर्स चेस्टनट पेड़ के फूल दस दिन पहले दिखाई देते हैं।
1980 के दशक के बाद से जलवायु तेजी से गर्म हुई है। समय से पहले फूल आने का मतलब यह है कि पौधों को पता चलता है कि सर्दियाँ छोटी और हल्की होती जा रही हैं। वे महसूस करते हैं कि दिन गर्म हो रहे हैं और अपने वसंत ऋतु के विकास को इस तरह से बदलते हैं जैसे मनुष्य अपनी त्वचा पर गर्मी महसूस करते हैं और इसलिए कपड़ों की कम परतों के साथ बाहर निकलते हैं। इन संकेतों का पता लगाने के लिए सटीक तंत्र पौधों और जानवरों के बीच भिन्न होते हैं, लेकिन दोनों जलवायु परिवर्तन के अनुसार प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
आंखों और त्वचा के बिना प्रकाश और गर्मी का पता लगाना
पौधे शरद ऋतु के छोटे होते दिनों का पता फाइटोक्रोम नामक वर्णक से लगाते हैं जो विशेष रूप से विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के लाल क्षेत्र में तरंग दैर्ध्य के प्रति संवेदनशील होता है। शरद ऋतु की लंबी रातें इस लाल रोशनी की गुणवत्ता को बदल देती हैं। जबकि यह सूक्ष्म बदलाव मनुष्यों से बच जाता है (हमारी आंखें स्पेक्ट्रम के इस हिस्से के प्रति संवेदनशील नहीं हैं) एक पौधा इस संक्रमण का पता लगा सकता है और बदलाव शुरू कर सकता है।
जिस तरह शरद ऋतु हमारे रक्त में सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर में गिरावट ला सकती है, उसी तरह एक पौधा जिसने सर्दियों के आगमन को महसूस कर लिया है, वह एब्सिसिक एसिड नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ा देगा। इसके कई प्रभाव होते हैं. पर्णपाती पेड़ों में, टहनियाँ बढ़ना बंद कर देती हैं और सर्दियों में कठोर कलियाँ विकसित हो जाती हैं जो ठंढ और बर्फ से बचने में सक्षम होती हैं और पत्तियाँ गिर जाती हैं।
वसंत में वृद्धि प्रकाश की लंबाई और तापमान के समान ट्रिगर्स द्वारा निर्धारित होती है, लेकिन तापमान की आम तौर पर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि पौधे केवल प्रकाश पर ध्यान देते हैं, तो वे तब विकास शुरू करने का जोखिम उठाएंगे जब घातक ठंढ अभी भी खतरा है या हल्के शुरुआती वसंत के दिनों में अच्छे विकास के समय से चूक जाएंगे। तापमान का पता लगाने से यह निर्धारित होता है कि वसंत के फूल कब दिखाई देते हैं। यही कारण है कि वैश्विक तापन इन फूलों की प्रारंभिक उपस्थिति में स्पष्ट है।
यह पूरी तरह से समझ में नहीं आया है कि पौधे तापमान का पता कैसे लगाते हैं। इसमें से कुछ इसकी कोशिकाओं में विकास को रोकने वाले हार्मोन के कारण हो सकता है, जब हवा एक निश्चित तापमान से नीचे गिरती है, जो बदले में विकास हार्मोन को बढ़ने में मदद देती है।
जबकि मनुष्यों की त्वचा में तापमान का पता लगाने के लिए नसें होती हैं, पौधे संभवतः रंगद्रव्य पर निर्भर होते हैं, हालांकि तंत्र पूरी तरह से समझा नहीं गया है। ऊष्मा उसी विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा है जिसके प्रति फाइटोक्रोम संवेदनशील है, इसलिए संभवतः यह कारक शामिल है। विकास शुरू करने के लिए जो भी तंत्र जिम्मेदार हैं, तापमान यह भी निर्धारित करता है कि पौधे कितनी तेजी से बढ़ते हैं।
फूल और परागणक तालमेल से बाहर
मधुमक्खियों जैसे कीट परागणकों को अपने जीवन चक्र को समकालिक करना चाहिए ताकि जब फूल खिलें, जिन पर वे भोजन करते हैं, तो वे उड़ान भर रहे हों। सर्दी से उनके उभरने का समय भी तापमान और दिन की लंबाई के प्रभाव और हार्मोन की मध्यस्थता से निर्धारित होता है।
परागणकों की कई पीढ़ियों पर काम करने वाले विकास ने फूलों के उद्भव और उनके परागणकों के बीच एक मजबूत संबंध उत्पन्न किया है। यदि फूलों और परागणकों की उपस्थिति समकालिक नहीं होती, तो कीड़ों को पराग नहीं मिलता और पौधे निषेचित नहीं होते हैं।
पत्तियों के उद्भव और उनका भोजन करने वाले शाकाहारी कीड़ों के बीच एक समान संबंध मौजूद है। जलवायु परिवर्तन की तीव्रता और दोनों समूहों की प्रतिक्रिया में मामूली अंतर से इस तालमेल के टूटने का खतरा है, जिसके दोनों पक्षों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।
1980 और 2020 के बीच फूलों और उनके परागणकों के उभरने पर जर्मन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन में एक जटिल तस्वीर सामने आई। दोनों ने जल्दी फूल आने और उनपर दिखाई देने के साथ जलवायु परिवर्तन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, लेकिन पौधों ने अधिक बदलाव किया है।
कीट समूहों के बीच भिन्नता थी, मधुमक्खियाँ और तितलियाँ पौधों के साथ तालमेल बिठाने लगी थीं, लेकिन होवरफ्लाइज़ में यह नहीं देखा गया था। इन कीड़ों की प्रजातियों में भी भिन्नता थी।
यहां तक कि जब पौधे और उन पर निर्भर कीट समकालिक रूप से समय बदलते हैं, तब भी खाद्य श्रृंखला का अगला चरण इतना लचीला नहीं हो सकता है। ओक की पत्तियां ओक मोथ कैटरपिलर द्वारा खाई जाती हैं। यह, बदले में, ब्लू टिट्स और पाइड फ्लाईकैचर लिंक टेक्स्ट जैसे पक्षियों के बच्चों का प्राथमिक भोजन है। चूज़े लगभग एक ही समय में पैदा होते हैं, जबकि ओक के पत्ते और कैटरपिलर पहले दिखाई दिए हैं और अब तक समकालिक रूप से बने हुए हैं। लेकिन कब तक?
ब्लैकथॉर्न के फूल सर्दियों से एक स्वागत योग्य राहत और एक संकेत है कि वसंत आ रहा है। लेकिन वे जलवायु परिवर्तन का भी संकेत हैं: पौधों और जानवरों के समय और समकालिकता पर एक खुला प्रयोग – और जटिल खाद्य श्रृंखला जिसका वे हिस्सा हैं।
द कन्वरसेशन एकता एकता
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.