रेनी बिट्आउनकोन, सह-प्रोफेसर, अवोंडेल विश्वविद्यालय और नोट्रे डेम विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया
फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), 25 फरवरी (द कन्वरसेशन) मेरे एक मेडिकल छात्र ने कहा कि उसे अपने घर में वैनीला की खुशबू बेहद पसंद है, जहां वह अपने दोस्तों के साथ रहता है और जो वहां ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं।
उसने पूछा, ‘‘ क्या ये ठीक है?’’, मैंने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं।’’ मैंने आगे कहा, ‘‘जब आप वैनीला को सुंघते है तो काफी हद तक निकोटीन भी आपके शरीर में प्रवेश करता है।’’
निकोटीन रंगहीन और गंधहीन होता है तथा आपके नाक, मुंह और यहां तक कि आपके कानों के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से अवशोषित होता है।
ई-सिगरेट के धूएं में निकोटीन और रसायन बाहर निकालते हैं, जिसमें महक वाले स्वाद भी शामिल हैं। ऐसा होने की सूरत में आसपास में मौजूद लोगों के सांस लेने पर ये उनके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और लगातार निष्क्रिय धूम्रपान के संपर्क में रहने वालों के शरीर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
देखने में आया है कि 18 से 24 आयुवर्ग के युवा ई-सिगरेट का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। धूम्रपान के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में काफी बहस के बावजूद, निष्क्रिय धूम्रपान के जोखिम और इसके परिणामस्वरूप होने वाले प्रभावों तथा शुद्ध वायु के अधिकार के बारे में बहुत कम चर्चा होती है।
सांस लेना, सांस छोड़ना
शोधकर्ताओं ने बंद जगहों, जैसे कारों और बड़े स्थलों में ई-सिगरेट से निकाले गए धूंए की सामग्री की जांच की है। हालांकि, तंबाकू वाली सिगरेट की तुलना में इनका स्तर कम था।
शोधकर्ताओं ने धूम्रपान के बाद छोड़े गए धुएं को ‘‘परिवेश वायु प्रदूषण’’ के रूप में वर्णित किया और धूम्रपान नहीं करने वालों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इससे बचा जाना चाहिए। निष्क्रिय धूम्रपान के हानिकारक श्वसन प्रभावों को प्रदर्शित करने वाले कई शोध सामने आ रहे हैं।
निष्क्रिय धूम्रपान से सबक
1980 के दशक के अंत में, निष्क्रिय धूम्रपान तंबाकू उपयोग से जुड़े कानून को बदलने के लिए प्रेरणा बन गया।
स्वास्थ्य पेशेवरों ने दशकों पहले धूम्रपान करने वाले ब्रिटिश चिकित्सकों पर किए गए एक अध्ययन से सीखा था कि तंबाकू धूम्रपान अत्यधिक हानिकारक है और यह जल्द मृत्यु का कारण बनता है।
हालांकि, बाद में उन्हें यह समझ में आने लगा कि धूम्रपान करने वाले के साथ रहने वाले, इनके साथ काम करने वाले या किसी भी तरह से लगातार इनके संपर्क में आने वाले धूम्रपान न करने वाले लोगों में भी फेफड़ों का कैंसर, अस्थमा और हृदय रोग हो सकते हैं।
द कन्वरसेशन
शफीक माधव
माधव
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