नई दिल्ली: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमशोरो के निवासियों ने गुरुवार को एक अज्ञात उड़ने वाली और धुएं से भरी चीज को आसमान से गिरते देखा. गांव वालों का कहना था कि यह एक रॉकेट या मिसाइल जैसा थी.
जानकारी के मुताबिक, यह चीज एक मिसाइल थी, जिसे पाकिस्तान ने सिंध में अपने टेस्ट रेंज से दागा था. टेस्ट सुबह 11 बजे तय किया गया था जिसे ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) में खराबी की वजह से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया था.
बाद में इसे दोपहर में लॉन्च किया गया. हालांकि, प्रक्षेपण के कुछ सेकेंड बाद मिसाइल को गिरते हुए देखा गया. जाहिर है कि मिसाइल अपने टारगेट तक नहीं पहुंच पाई और सिंध में थाना बुला खान के पास क्रैश हो गई.
पाकिस्तान में सोशल मीडिया अकाउंट्स के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने इस तरह के किसी भी दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह एक नियमित मोर्टार ट्रेसर राउंड था जिसे पास के टेस्ट रेंज से दागा गया था.
हालांकि, यह संभावना नहीं है कि 5 किमी की अधिकतम सीमा वाले मोर्टार में ट्रेसर राउंड इतना ऊंचा होगा.
पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज चैनल के एक रिपोर्टर के मुताबिक, किसी ‘विमान, रॉकेट या ऐसा कुछ’ के गिरने की सूचना मिली थी. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.
समाचार एजेंसी द कॉन्फ्लिक्ट न्यूज पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से गलती से दागी गई पिछली मिसाइल के जवाब में हो सकता है मिसाइल का परीक्षण किया हो.
द कॉन्फ्लिक्ट न्यूज पाकिस्तान ने ट्वीट किया, ‘जमशोरो, पाकिस्तान ने पिछली भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल के जवाब में एक मिसाइल का परीक्षण किया. पाकिस्तानी मिसाइल अपने टारगेट तक पहुंचने में विफल रही और पास ही गिर गई.’
एरोसिंट डिवीजन पीएसएफ नाम के पाकिस्तानी रक्षा विश्लेषक अकाउंट ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, ‘अलीाबाद, जमशोरो, सिंध से जुड़े सोशल मीडिया पर जारी वीडियो, इन शहरों के आसपास के क्षेत्र के पास हमारी सेना की टेस्ट रेंज सक्रिय है. घबराने की जरुरत नहीं है.’
Aliabad, Jamshoro, Sindh.
With regards to video being published on social media, own forces testing range near vicinity of this town is active. No reason to create panic. pic.twitter.com/eJr3qAhoEL— AEROSINT Division PSF (@PSFAERO) March 17, 2022
इसी अकाउंट से आगे दावा किया गया है कि परीक्षण क्षेत्र में नो-फ्लाई ज़ोन की घोषणा करने वाली एक पूर्व सूचना जारी
की गई थी. इसने लिखा, ‘एक नोटम पहले से ही जारी किया गया था और प्रोजेक्ट में तय की गए रूट के मैप को भी
एयरलाइनों के साथ साझा किया गया था.’
नोटम (नोटिस टू एयर मिशन) में, परीक्षण कार्यक्रम 17 और 18 मार्च का जिक्र किया गया है.
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