इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल एक आतंकवादी हमले में हताहत हुए एक बड़ी पनबिजली परियोजना में कार्यरत 36 चीनी नागरिकों को मुआवजे के तौर पर एक करोड़ 16 लाख डॉलर देने की घोषणा की है.
मुआवजे की राशि के संबंध में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने शुक्रवार को फैसला किया.
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘ईसीसी ने विचार विमर्श करने और चीन के साथ हमारे संबंधों की गहराई को ध्यान में रख कर सद्भावना के तहत कदम उठाते हुए सरकारी स्तर पर एक करोड़ 16 लाख डॉलर के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.’
उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के पर्वतीय क्षेत्र में पिछले साल 13 जुलाई को विनिर्माण कामगारों को ले जा रही बस पर हुए ‘आत्मघाती हमले’ में 10 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे. यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अपर कोहिस्तान जिले के दसू इलाके में हुआ था, जहां चीनी इंजीनियर और निर्माण श्रमिक एक बांध बनाने में मदद कर रहे थे. इस परियोजना का निर्माण विश्व बैंक की वित्तीय मदद से चाइना गेझोउबा कंपनी कर रही है और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा नहीं है.
चीनी कंपनी ने मुआवजे का मामला सुलझने तक स्थल पर अपनी गतिविधियां रोक दी थीं. पाकिस्तान ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुआवजा देने की घोषणा की, जिसके बाद कंपनी ने बृहस्पतिवार को काम बहाल किया.
नकदी की समस्या से जूझ रहा पाकिस्तान चीनी नागरिकों को मुआवजा देने पर सहमत हो गया है, जबकि वह ऐसा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है. इसके अलावा यह रकम चीन में इसी प्रकार के हमलों में जान गंवाने वाले नागरिकों को आमतौर पर दी जाने वाली राशि से दोगुनी है.
पाकिस्तानी मीडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मुआवजे का भुगतान करने का स्पष्ट उद्देश्य पाकिस्तान-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी अड़चन को दूर करना है. इस हमले में चार पाकिस्तानी नागरिकों की भी मौत हुई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके परिवारों को भी मुआवजा दिया जाएगा या नहीं.
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