इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शनिवार को इस बात पर अफसोस जताया कि उसे अफगानिस्तान का सबसे करीबी पड़ोसी होने के बावजूद युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए किया गया, जबकि उसे अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया.
अगस्त महीने के लिए यूनएनएससी के अध्यक्ष भारत की अगुवाई में 15 देशों की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक का आयोजन किया था, जिसमें पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम इसाकजई ने सुरक्षा परिषद से कहा कि तालिबान को पाकिस्तान से सुरक्षित पनाहगाह, जंगी मशीनों की आपूर्ति और रसद लाइन की सुविधा मिल रही है. एफओ ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि उसे परिषद के सत्र को संबोधित करने और अफगान शांति प्रक्रिया पर अपना दृष्टिकोण रखने का मौका दिया जाए, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया.’
उन्होंने कहा कि इसके बजाय इस मंच का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए किया गया.