scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमविदेशपाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने हाफिज़ सईद के खिलाफ मुंबई हमले के टेरर फंडिग का आरोप तय किया

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने हाफिज़ सईद के खिलाफ मुंबई हमले के टेरर फंडिग का आरोप तय किया

सईद के जमात-उद-दावा को लश्कर का प्रमुख संगठन माना जाता है, जिसने 2008 में मुम्बई में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

Text Size:

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने बुधवार को मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज़ सईद के खिलाफ ‘आतंकवाद के वित्तपोषण’ का आरोप तय कर दिया है.

आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश मलिक अरशद भुट्टा ने सईद और उसके साथियों पर पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘आतंकवाद वित्तपोषण’ का आरोप तय किया.

इससे पहले शनिवार को अदालत हाफिज़ सईद के खिलाफ आतंकवाद के वित्त पोषण को लेकर आरोप तय नहीं कर सकी थी क्योंकि अधिकारी आश्चर्यजनक रूप से शनिवार को इस हाई प्रोफाइल सुनवाई में एक सह-आरोपी को पेश करने में नाकाम रहे थे.

पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने सईद और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘आतंकवाद वित्तपोषण’ के आरोपों में पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में 23 प्राथमिकी दर्ज की थी और जमात -उद-दावा प्रमुख को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया था. वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है.

मामले लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में अल-अंफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट और मुआज बिन जबाल ट्रस्ट सहित ट्रस्ट या गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) के नाम पर बनाई गई संपत्ति/संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन एकत्रित करने के लिए दर्ज किए गए हैं.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा और उसकी परमार्थ इकाई फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए उनकी संपत्तियों और ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू कर दी है.

सईद के जमात-उद-दावा को लश्कर का प्रमुख संगठन माना जाता है, जिसने 2008 में मुम्बई में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

share & View comments