लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री एवं विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कद्दावर नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ को यहां की एक अदालत ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में बृहस्पतिवार को 14 दिनों के लिए भ्रष्टाचार रोधी इकाई की हिरासत में भेज दिया.
आसिफ (71) को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों में मंगलवार को इस्लामाबाद से गिरफ्तार किया था.
लाहौर स्थित एनएबी अदालत ने बृहस्पतिवार को भ्रष्टाचार रोधी इकाई का अनुरोध स्वीकार कर लिया और उसे आसिफ को 14 दिनों की रिमांड में सौंप दिया.
आसिफ अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी हैं. शरीफ ने उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है.
स्व-निर्वासन में लंदन में रह रहे शरीफ ने एक ट्वीट में कहा, ‘ख्वाजा आसिफ की गिरफ्तारी चयनकर्ताओं (सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख क्रमश: जनरल कमर जावेद बाजवा तथा जनरल फैज हमीद) तथा चयनित (प्रधानमंत्री इमरान खान) के बीच सांठगांठ का नतीजा है. इस तरह का कृत्य यह प्रदर्शित करता है कि सरकार किस कदर दहशत में है, लेकिन यह इस तरह की हरकतों के जरिए अपने खात्मे की ओर बढ़ रही है.’
उल्लेखनीय है कि इमरान खान सरकार ने शरीफ को भगोड़ा घोषित कर दिया है, जिसके बाद से पूर्व प्रधानमंत्री लंदन में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं. शरीफ वहां इलाज के सिलसिले में गये थे.
अदालत में आसिफ ने न्यायाधीश से कहा कि वह नेशनल असेंबली के सदस्य रहे हैं और एनएबी ने उनके खिलाफ 2.1 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का एक मामला बनाया है.
इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कौन जानता है कि एनएबी जांच के दौरान और 2.1 करोड़ रुपये बरामद करे.’’
पीएमएल-एन उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने आरोप लगाया है कि शरीफ का विरोध करने के लिए आसिफ पर दबाव डाला गया और ऐसा करने से इनकार करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
शरीफ की बेटी मरयम ने कहा, ‘मैं यह कसम खा कर कहती हूं कि उन्होंने (सैन्य प्रतिष्ठान ने) ख्वाजा आसिफ को नवाज शरीफ से अपना संबंध तोड़ लेने को कहा और उनके (आसिफ के) खिलाफ मामले 15 से 20 दिनों में बंद कर दिये जाएंगे.’
एनएबी के मुताबिक आसिफ के सार्वजनिक पद पर आसीन होने से पहले 1991 में उनकी कुल संपत्ति 50.1 लाख रुपये मूल्य की थी , जो उनके विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2018 बढ़ कर 2.21 करोड़ रुपये हो गई, जो उनके आय के ज्ञात स्रोत से मेल नहीं खाती है.
एनएबी ने दावा किया है कि आसिफ एक बेनामी फर्म तारिक मीर एंड कंपनी का भी संचालन करते हैं, जो उनके कर्मचारी के नाम पर पंजीकृत है. मीर के बैंक खाते में 40 करोड़ रुपये जमा किये गये और इस बड़ी रकम के स्रोत का कोई खुलासा नहीं किया गया.
आसिफ का नाम भी अब पीएमएल-एन के उन नेताओं की लंबी सूची में शामिल हो गया है, जो भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे हैं. सूची में पार्टी प्रमुख शाहबाज शरीफ, वरिष्ठ सदस्य हमजा शहबाज, राणा सनउल्ला, जावेद लतीफ, अहसन इकबाल, शाहिद खकान अब्बासी और साद रफीक के नाम पहले से शामिल हैं.