(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 19 मई (भाषा) रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि पहलगाम आतंकवादी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, जहां पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि होने के बाद गोली मार दी गई।
उन्होंने कहा कि भारत को इस हमले के बाद प्रतिक्रिया देनी पड़ी।
‘इज्वेस्तिया’ अखबार में सोमवार को प्रकाशित साक्षात्कार में कुमार ने कहा कि भारत अपने बाजार में रूसी तेल के आयात में वृद्धि का समर्थन करेगा।
कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘सबसे पहली बात कि मौजूदा तनाव पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कारण उत्पन्न हुआ, जहां पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि होने के बाद नजदीक से गोली मार दी गई। इसलिए, भारत को इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति द्विपक्षीय आधार पर तब हुई, जब पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया।’’
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने छह मई की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी और पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। पहलगाम में 22 अप्रैल के आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना के ड्रोन और मिसाइल हमलों के कारण दोनों देश युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे, हालांकि, 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया था कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम के लिए मध्यस्थता की।
रूस में एक वर्ग ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया था कि नयी दिल्ली ने मॉस्को की अनदेखी की और वाशिंगटन की मध्यस्थता को प्राथमिकता दी।
भारत के राजदूत ने कहा कि यह इस्लामाबाद की पहल थी।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, भारत ने हमेशा यह नीति बनाए रखी है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की परिकल्पना नहीं की गई है। यह रुख अभी भी कायम है।’’
कुमार ने इस बात का भी जिक्र किया कि पहलगाम हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई देशों के नेताओं ने भारतीय नेतृत्व से बात की थी।
भाषा
शफीक दिलीप
दिलीप
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