दुबई: गाजा की स्थिति को लेकर 57 सदस्यीय इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की रविवार को आपातकालीन डिजिटल बैठक हुई ताकि गाजा पट्टी पर इजरायल की सेना के हमले को रोका जा सके.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ आत्मार ने कहा, ‘फिलस्तीनी लोगों की दुर्दशा से इस्लामिक दुनिया आज लहूलुहान है.’
सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि गाजा के खिलाफ इजरायल के सैन्य अभियान को खत्म करने की दिशा में काम किया जाए और तटीय क्षेत्र में सहायता पहुंचने दी जाए.
पश्चिमी तट के रामल्ला से फिलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद मालकी ने इजरायल पर बरसते हुए उसे ‘रंगभेदी देश’ करार दिया जो ‘गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ अपराध और क्रूरता कर रहा है.’
#OIC Secretary General: We salute the resilience of the Palestinian people in Al-Aqsa; Al-Quds is an integral part of #Palestine. #AlAqsaMosque pic.twitter.com/ERTym7elEY
— OIC (@OIC_OCI) May 16, 2021
उन्होंने इसे ‘कायराना हमले’ करार देते हुए कहा, ‘हमें अल्लाह से कहने की जरूरत है कि हम अंतिम दिन तक विरोध करेंगे. हम पर लंबे समय से कब्जा है. यही समस्या की जड़ है.’
उन्होंने कहा कि सोमवार से शुरू हुई हिंसा में 10 हजार लोग विस्थापित हुए हैं.
मालकी ने कहा, ‘फिलस्तीनी लोगों के विरोध ने स्पष्ट कर दिया है कि यरूशलम ही लक्ष्मण रेखा है. इजरायल की हत्या मशीन से हमारे लोग नहीं डरेंगे.’
बहरहाल, मालकी के फिलस्तीनी प्राधिकरण का हमास और गाजा पट्टी पर नियंत्रण नहीं है जहां आतंकवादियों ने 2007 में सत्ता पर कब्जा कर लिया था.
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोगलु ने इसी तरह का कड़ा रूख अपनाया.
उन्होंने कहा, ‘पूर्वी यरूशलम, पश्चिमी तट और गाजा में तनाव के लिए अकेले इजरायल जिम्मेदार है. पिछले हफ्ते इजराइल को दी गई हमारी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया.’
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने इजरायल पर ‘नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध’ करने के आरोप लगाए.
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