बीजिंग: एक अध्ययन के मुताबिक मानव इतिहास में 2019 में दुनिया के महासागर, खासतौर पर सतह और 2000 मीटर की गहराई के बीच सबसे ज्यादा गर्म रहे.
‘एडवांसेज इन एटमॉस्फीयरिक साइंसेज’ नाम के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह भी पाया गया कि वैश्विक महासागरीय तापमान के लिहाज से बीते दस साल सबसे गर्म रहे और आखिरी पांच साल में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया.
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, 2019 में महासागर का तापमान 1981-2010 के औसत तापमान से 0.075 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
उन्होंने कहा कि इस तापमान तक पहुंचने के लिये महासागर को 228 सेक्सटीलियन जूल उष्मा की आवश्यता पड़ी होगी एक सेक्सटीलियन वह संख्या है जिसमें एक के पीछे 21 शून्य (1000000000000000000000) होते हैं.
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) के असोसिएट प्रोफेसर लीजिंग चेंग ने कहा, ‘बीते 25 वर्षों में हमने दुनिया के महासागरों में उतनी उष्मा दी है जो हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम विस्फोट की 3.6 अरब गुना है.’
दुनिया भर के 11 संस्थानों के 14 वैज्ञानिकों के अंतरराष्ट्रीय दल ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को पलटने के लिये कार्रवाई करने की मांग की है.
नए आंकड़ों से अनुसंधानकर्ताओं को 1950 के दशक से महासागरों के तापमानों की प्रवृत्ति के अध्ययन में मदद मिलती है.