(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 17 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान के दूरसंचार नियामक ने स्पष्ट किया है कि क्षमता होने के बावजूद देश में किसी भी ‘वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क’ (वीपीएन) को बाधित नहीं किया गया है और न ही भविष्य में ऐसा करने की कोई योजना है।
यह जानकारी पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) के अध्यक्ष हाफिज-उर-रहमान ने सोमवार को नियामक की ‘वार्षिक रिपोर्ट’ के विमोचन के मौके पर दी।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, रहमान ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी भी वीपीएन को ‘ब्लॉक’ नहीं किया गया है और भविष्य में ऐसा कुछ करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा है और मैं इसे अब दोहराता हूं: हम वीपीएन को ब्लॉक कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे। आज तक, किसी भी वीपीएन को ब्लॉक नहीं किया गया है।”
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कई महीनों से यह खबर चल रही थी कि नियामक ने वीपीएन को पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंजीकरण की समयसीमा 30 नवंबर से आगे बढ़ा दी गई थी। हालांकि, वीपीएन निलंबन के लिए नई समयसीमा की घोषणा नहीं की गई थी।
सरकार ने आशंका व्यक्त की थी कि वीपीएन का उपयोग लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है और उनकी सोशल मीडिया या अन्य इंटरनेट मंचों पर अनैतिक सामग्री तक पहुंच हो सकती है।
पिछले हफ्ते सरकार ने घोषणा की थी कि वह ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी और नियंत्रण में सुधार के लिए वीपीएन पंजीकृत कर रही है और यह विश्वास भी व्यक्त किया कि इन कोशिशों से फर्जी खबरों के प्रसार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एक साइबर सुरक्षा तकनीक है जो आपको सार्वजनिक इंटरनेट पर एक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड (गोपनीय) कनेक्शन बनाने की अनुमति देती है।
इस बीच, पीटीए के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, देश की आधी आबादी दो सोशल मीडिया मंच – फेसबुक और यूट्यूब का उपयोग करती है। इनके अलावा टिकटॉक को भी काफी इस्तेमाल किया जाता है।
भाषा
नोमान प्रशांत
प्रशांत
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