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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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नेपाल सरकार ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन के खिलाफ राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी को चेतावनी दी

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काठमांडू, 20 अप्रैल (भाषा) नेपाल के गृह मंत्रालय ने रविवार को काठमांडू के बिजुलीबजार इलाके में प्रस्तावित रैली के दौरान निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने को लेकर राष्ट्रवादी प्रजातांत्रिक पार्टी (आरपीपी) को सख्त चेतावनी दी है।

राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही आरपीपी ने कहा है कि वह सिंह दरबार स्थित सचिवालय के पास बनाए गए निषिद्ध क्षेत्रों को तोड़कर आगे बढ़ेगी।

आरपीपी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन ने कहा है कि वे राजशाही की बहाली और नेपाल को हिंदू राज्य के रूप में स्थापित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र की घेराबंदी को तोड़कर आगे बढ़ेंगे।

गृह मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद्र तिवारी ने कहा, ‘संविधान और कानून के उल्लंघन या अराजकता फैलाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

रविवार सुबह से ही संसद भवन, सचिवालय और अन्य संवेदनशील इलाकों में दंगा नियंत्रण पुलिस और सशस्त्र बलों की भारी तैनाती की गई है।

इस बीच, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन (माओवादी केंद्र) प्रमुख पुष्प कमल दाहाल ने बृहस्पतिवार को बलुवाटार में बैठक कर लोकतांत्रिक गणराज्य और संविधान की रक्षा के लिए एकजुट रहने का संकल्प लिया।

आरपीपी ने इससे पहले मार्च के अंत में भी काठमांडू के टिंकुने इलाके में प्रदर्शन किया था, जिसमें एक टीवी पत्रकार सुरेश रजक सहित दो लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।

इस बीच, पूर्व महराजा ज्ञानेन्द्र ने शनिवार को महाराजगंज स्थित अपने निवास स्थल में आरपीपी प्रमुख लिंगदेन सहित सात नेताओं के साथ बैठक कर रविवार को होने वाले आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की।

भाषा

राखी प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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