रोम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ यहां शुक्रवार को संयुक्त बैठक की और पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक तथा लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री मोदी की जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचने के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक है. शिखर सम्मेलन में वह कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के साथ सार्थक बातचीत के साथ रोम में आधिकारिक कार्यक्रम शुरू हुए. नेताओं ने पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक और लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.’
Official engagements in Rome begin with a productive interaction with @eucopresident Charles Michel and @vonderleyen, President of the @EU_Commission.
The leaders discussed ways to enhance economic as well as people-to-people linkages aimed at creating a better planet. pic.twitter.com/Uvk4JLN5Ca
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2021
भारत-यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय रिश्ते 1960 की शुरुआत से ही चले आ रहे हैं. भारत 1962 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था. भारत-यूरोपीय संघ के बीच पहली शिखर वार्ता लिस्बन में 28 जून 2000 को हुई थी और यह दोनों के बीच संबंधों के विकास में ऐतिहासिक घटना रही. दोनों के बीच संबंध द हेग में 2004 में हुए पांचवें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान ‘सामरिक साझेदारी’ तक पहुंच गए.
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