‘पीछे तो देखो..ओए पीछे तो देखो..’ कहते हुए एक प्यारे से बच्चे का एक वीडियो पिछले साल से वायरल हो रहा है. इस पाकिस्तानी बच्चे की क्यूटनेस देख पूरी दुनिया दीवानी हो रही है. गोलू-मोलू चार साल के अहमद शाह को देखते ही आपको प्यार हो जाएगा.
इस छोटे बच्चे को आप हल्के में ना लें. पीर अहमद शाह के नाम से इनके मामा ने फेसबुक पर अक्तूबर में एक पेज भी बना लिया. इस पेज के तीन लाख फॉलोअर्स होने वाले हैं. यूट्यूब पर ढाई लाख सबस्क्राइबर्स हैं. पिछले साल अहमद शाह तीन साल की उम्र में ही पाकिस्तान के मिनी सेलिब्रिटी बन चुके थे. जैसे हमारे यहां तैमूर के फैन हैं वैसे ही उधर अहमद के फैन हैं.
दिप्रिंट ने अहमद के मामा दानियाल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि अहमद को पाकिस्तान के दो–तीन टीवी शो पर बुलाया जा चुका है. गुड मार्निंग पाकिस्तान नामक शो पर तो अहमद का वीडियो दो करोड़ लोगों ने देखा. जबकि उस शो पर पाकिस्तान के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी आते हैं तो वीडियोज़ के छह से सात लाख ही व्यूज़ होते हैं. ये शो पिछले साल अक्तूबर में ही रिलीज़ किया गया था.
अहमद के मिनी सेलिब्रिटी बनने की कहानी भी रोचक है. दानियाल ने दिप्रिंट को बताया, दरअसल अहमद की स्कूल टीचर ने उससे बस्ता ले लिया और उसके रिएक्शन की वीडियो बना ली. उसमें अहमद टीचर को धमका रहा है. ये वीडियो जब फेसबुक पर लगाया तो सात–आठ लाख लोगों ने देखा.
जब मेरी अहमद से फोन पर बात हुई तो अहमद ने सीधे अस्लाम वालेकुम कहा. जवाब में मैंने भी अस्लाम वालेकुम कहा तो अहमद ने ना, ना कहते हुए समझाया कि वालेकुम अस्लाम होता है. आगे उनकी पढ़ाई से लेकर खाने–पीने की बातें की तो मालूम चला कि अहमद को चिकन बिरयानी बेहद पंसद है. मैंने पूछ लिया कि आप हिंदुस्तान कब आओगे? इसपर तपाक से जवाब देते हुए अहमद ने कहा ‘आप मुजे हिंदुस्तान कब बुलाएंगी. मैं तो आ जाऊंगा.’ फिर मैंने कहा कि उर्दू बोलकर दिखाओ तो जवाब आता है मैं उर्दू ही बोल रहा हूं. अहमद ने बताया कि वो नर्सरी क्लास में पढ़ते हैं.
अहमद अपने अब्बू–अम्मी के साथ खैबर पखतुन्खवा प्रांत के डेरा इस्माइल खान शहर में रहते हैं. इनके ज़िले का नाम है साउथ वज़ीरिस्तान. अहमद का एक छोटा भाई है और एक बड़ा भाई. छोटा भाई महज एक साल का है. अहमद के अब्बू लेक्चरर हैं और सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर इस्लामियत पढ़ाते हैं. अहमद के पांच मामा और हैं. लेकिन वो दानियाल के सबसे करीब हैं. दानियाल के भाई के बच्चे उन्हें चाचू बुलाते हैं तो अहमद भी दानियाल को मामू की बजाय चाचू ही बुलाते हैं. बाकी मामाओं को मामा ही बुलाते हैं.
कमाल की बात ये है कि अहमद एक गाय के दूध बेचने वाली कंपनी के ब्रांड अंबेस्डर भी बन गए हैं. इसका प्रचार करने से भी नहीं चूकते. एक वीडियो में किसी ने पूछा कि आप इतने क्यूट क्यों हो तो अहमद कहते हैं कि मैं दूध पीता हूं इसलिए क्यूट हूं.
जितने मज़ेदार और कैज़ुअल अहमद वीडियो में दिखते हैं, असल में वो मेहनती हैं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते हैं. उनके परिवार वालों ने बताया कि अहमद मार्शल आर्ट्स भी सीख रहे हैं और पढ़ाई में भी आगे रहते हैं. मार्शल आर्ट्स में ये प्रथम भी आए थे. स्कूल से घर आते हैं तो दो बजे मौलाना आ जाते हैं और कुरान पढ़ाते हैं. उसके बाद तीन बजे साहब सो जाते हैं. आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन अहमद रोजाना चार घंटे पढ़ते हैं. मोटू–पतलू कार्टून देखते हैं. येलो कलर सबसे पसंदीदा है. अहमद को एक–डेढ़ साल की उम्र में ही चश्मा लग गया था. पर वो इनकी क्यूटनेस को बढ़ाता ही है.
तब दिप्रिंट ने दानियाल से पूछा कि इतने एक्सपोज़र से अहमद पर प्रेशर नहीं पड़ेगा? तो उन्होंने बताया कि ये तो बच्चे का नैचुरल तरीका है. हैल्लो फ्रेंड्स बोलने से किसी का बचपन खराब नहीं होता. पढ़ाई पर ध्यान दे ही रहा है. वीडियो बनाना उसे भी अच्छा लगता है.
अहमद का कुनबा पठानों का कुनबा है और उनकी मादर-ए-ज़बान उमड़ी है. दानियाल बताते हैं कि ये भाषा पाकिस्तान के लोगों को भी समझ नहीं आती है. बहुत ही कठिन है बोलने में. सिर्फ उनकी कास्ट के ही लोग बोल पाते हैं. खैबर पख्तूनख्वा अफगानिस्तान से लगा हिस्सा है. 2010 तक इस एरिया का नाम नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस था.
दानियाल ने बताया कि उनसे इंटरनेशनल मीडिया ने कांटेक्ट करने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. मैंने पूछा कि मुझसे क्यों बात की? तो दानियाल कहते हैं पता नहीं मैम, आपके यहां से फोन आया तो हमने बात कर ली. लेकिन दानियाल अहमद को मिली मोहब्बत के लिए हिंदुस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं.