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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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भारत की विदेश नीति में मालदीव का ‘बहुत विशेष स्थान’ है: राजनयिक

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माले, दो जून (भाषा) भारतीय उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने कहा है कि मालदीव नयी दिल्ली की विदेश नीति में ‘‘बहुत विशेष स्थान’’ अपनी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के कारण नहीं, बल्कि भारत का पड़ोसी देश होने के नाते रखता है।

हाल में सन.एमवी समाचार पोर्टल के साथ एक साक्षात्कार में बालासुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई कि भारत और मालदीव पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए हमेशा मिलकर काम करेंगे।

राजनयिक ने कहा कि मालदीव, भारत के लिए अपनी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के कारण नहीं, बल्कि इसलिए महत्वपूर्ण है कि ‘‘हम पड़ोसी रहे हैं और हम पड़ोसी बने रहेंगे’’।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मालदीव के सबसे करीबी साझेदारों में से एक हैं और आप भी हमारे सबसे करीबी साझेदार हैं… भारत के लिए अपने कूटनीतिक प्रयासों में ‘पड़ोसी प्रथम’ उसकी प्रमुख नीतियों में से एक है। और ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ में मालदीव का बहुत विशेष स्थान है।’’

बालासुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘भारत में इस बात को पूरी तरह से मान्यता प्राप्त है कि मालदीव हमारे पड़ोस के साथ हमारे संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत तथा मालदीव सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के लिहाज से एक-दूसरे के बहुत करीब हैं।

इस वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है।

भारत और मालदीव के बीच संबंधों में उस समय तल्खी उत्पन्न हो गई थी जब चीन समर्थक मुइज्जू ने नवंबर 2023 में शीर्ष पद का कार्यभार संभाला।

पिछले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान मुइज्जू ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया जिसके बाद संबंधों में मधुरता आई।

‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए बालासुब्रमण्यम ने कहा कि भारत चाहता है कि सभी देश शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ आगे बढ़ें और एक-दूसरे के बीच मतभेदों को केवल बातचीत के माध्यम से सुलझाएं।

भाषा नेत्रपाल सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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