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Tuesday, 19 November, 2024
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जयशंकर ने हिन्द-प्रशांत की सुरक्षा में क्वाड के अधिक भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया

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मेलबर्न, 11 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में चार देशों के गठबंधन ‘क्वाड’ के बड़ी भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उल्लेखनीय है कि चीन रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के प्रयास करता रहा है।

विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टिट्यूट का दौरा कर और हमारे बढ़ते संबंधों पर चर्चा के लिए लीजा सिंह के साथ बातचीत कर खुश हूं।’

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर लीजा सिंह ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टिट्यूट की निदेशक हैं।

जयशंकर शनिवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मारिस पायने के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के 12वें ‘फ्रेमवर्क डॉयलॉग’ की सह-अध्यक्षता करेंगे।

शुक्रवार को, जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ क्वाड के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक में भाग लिया।

ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टिट्यूट द्वारा मेलबर्न विश्वविद्यालय में आयोजित ‘इंडिया मैटर्स’ कार्यक्रम में जयशंकर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की।

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया-भारत भागीदारी पर एक घंटे की सार्वजनिक चर्चा में जयशंकर ने कहा कि संबंधित क्षेत्र की सुरक्षा में क्वाड के बड़ी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।

नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता के बीच हिन्द-प्रशांत में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के वास्ते एक नई रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था।

उल्लेखनीय है कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता रहा है। हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके विभिन्न हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। बीजिंग का पूर्वी चीन सागर को लेकर जापान के साथ भी समुद्री विवाद है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा 25 सितंबर को वाशिंगटन में आयोजित पहले वैयक्तिक शिखर सम्मेलन में क्वाड नेताओं ने एक ऐसा ‘स्वतंत्र और मुक्त’ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने का संकल्प लिया था, जो ‘समावेशी’ हो। उन्होंने उल्लेख किया था कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र उनकी साझा सुरक्षा और समृद्धि का आधार है, जहां चीन की सैन्य पैंतरेबाज़ी बढ़ रही है।

चीन क्वाड गठबंधन का विरोध करता रहा है।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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