न्यूयॉर्क, सात मई (भाषा) अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में भारतीय-अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर आतंकवाद से लड़ने और भविष्य में हिंसा को रोकने की जरूरत पर बल दिया तथा इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में व्यापक संघर्ष और तनाव को और बढ़ाने से बचना आवश्यक है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ने से रोकने का आह्वान करते हुए कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि पिछले महीने पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद से लड़ने तथा भविष्य में हिंसा को रोकने की जरूरत और भी अधिक बढ़ गई है।
जैसा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, व्यापक संघर्ष और तनाव को बढ़ाने से बचना आवश्यक है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, “ साथ ही, पाकिस्तान को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहा करना चाहिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने चाहिए जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखें और पाकिस्तानी लोगों की इच्छा को आवाज़ दें। मौजूदा स्थिति का इस्तेमाल पाकिस्तान में लोकतंत्र को और कमज़ोर करने के बहाने के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।”
भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रति प्रबल समर्थन व्यक्त किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
‘इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) में नीति एवं रणनीति प्रमुख खंडेराव ने कहा,, “ भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर लक्षित मिसाइल हमला करके निर्णायक और सही कदम उठाया, जिससे स्पष्ट संदेश गया कि आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, चाहे उसका स्रोत कहीं से भी हो।”
उन्होंने कहा, “ यह अभियान नपा-तुला और सटीक था, जिसका लक्ष्य विशेष रूप से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों से बचा गया तथा तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए सैन्य ठिकानों से दूरी बनाए रखी गई।”
समुदाय के नेता और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार रहे अजय भूतोरिया ने कहा, ‘मैं भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का पुरजोर समर्थन करता हूं, जो पहलगाम हमले के जवाब में पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर एक सटीक हमला है।”
उन्होंने कहा, ‘लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के खिलाफ भारत की लक्षित कार्रवाई आतंकवाद से लड़ने और उसे बढ़ने से रोकने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं भारत के संकल्प की सराहना करता हूं और आतंकवाद से लड़ने तथा दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान करता हूं।’
भाषा नोमान माधव
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