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Saturday, 16 November, 2024
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इजराइल के अटॉर्नी जनरल ने पेगासस स्पाईवेयर के दुरुपयोग की जांच शुरू की

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(हरिंदर मिश्रा)

यरुशलम, 21 जनवरी (भाषा) इज़राइली स्पाइवेयर कंपनी एनएसओ समूह एक बार फिर विवादों में हैं और देश के अटॉर्नी जनरल ने अपने ही नागरिकों के खिलाफ पुलिस द्वारा जासूसी पेगासस तकनीक के कथित दुरुपयोग की जांच के लिए एक टीम बनाने की घोषणा की है। पुलिस पर उन लोगों की जासूसी करने का आरोप है जिनके अपराध करने का संदेह नहीं है।

एनएसओ समूह पिछले साल सुर्खियों में आया था जब भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार की वकालत करने वालों, राजनेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए उसके पेगासस सॉफ्टवेयर के कथित उपयोग ने गोपनीयता से संबंधित मुद्दों पर चिंता पैदा कर दी थी।

हारेत्ज अखबार की खबर के मुताबिक, इज़राइल के अटॉर्नी जनरल एविके मेंडेलब्लिट ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त कोबी शबताई को सूचित किया कि वह जांच करने के लिए एक समिति का गठन करेंगे। इस समिति का गठन एक स्थानीय मीडिया की खबर से उपजे उस विवाद के बाद किया जा रहा है कि पुलिस एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है, जो पीड़ित के संक्रमित फोन की संपूर्ण सामग्री तक पहुंच प्रदान करता है। खबर के मुताबिक, यहां तक ​​कि इजरायल के ऐसे नागरिकों पर भी डोजियर (आरोप-पत्र) बनाने के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा था, जो आपराधिक आरोपों का सामना नहीं कर रहे थे।

अखबार ने कहा कि जासूसी पर अन्वेषणात्मक खबर के प्रकाशन के बाद पुलिस ने स्पाईवेयर के इस्तेमाल की बात स्वीकार की है, लेकिन कहा कि हर मामले में इस्तेमाल से पहले अदालत से इसके लिये वारंट लिया गया था।

खबर के मुताबिक, जांच समिति की अध्यक्षता डिप्टी अटॉर्नी जनरल अमित हारारी द्वारा की जाएगी और इसमें दो और सदस्य होंगे।

मेंडेलब्लिट ने हालांकि, शबताई को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस मामले की प्रारंभिक जांच में “इजराइल पुलिस द्वारा अवैध, व्यवस्थित उपयोग के डर का कोई आधार नहीं मिला, और हम संतुष्ट हैं कि इज़राइल पुलिस कानून के तहत अपनी शक्तियों के आधार पर कार्य कर रही है।’’

अटॉर्नी जनरल ने पुलिस से वो सभी वारंट उनके कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहे हैं, जिनके आधार पर बीते दो सालों के दौरान लोगों के संवाद को सुना गया।

इस बीच, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ओमर बार-लेव ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस ने व्यवस्थित दृष्टिकोण से कानून के अनुसार काम किया।

बार-लेव ने कहा, “निजी घटनाओं के संदर्भ में, कानूनी दिशानिर्देशों से कोई विचलन नहीं पाया गया। हालांकि, विशिष्ट अवैध घटनाएं हो सकती हैं और इसलिए अटॉर्नी जनरल ने एक जांच समिति बनाने का फैसला किया।”

इज़राइली दैनिक ‘कैलकेलिस्ट’ ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक विस्तृत खबर में दावा किया था कि इजरायलियों पर प्रारंभिक चरण की जांच को पुलिस खुफिया जानकारी एकत्र करने और डोजियर बनाने के लिए सैन्य-स्तर के जासूसी उपकरणों का उपयोग कर रही है, भले ही ऐसे लोग आपराधिक आरोपों का सामना न कर रहे हों।

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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