वाशिंगटन: इजराइल और हमास के बीच बृहस्पतिवार को संघर्षविराम पर सहमति बनी, जिसके बाद 11 दिन तक चले निर्मम युद्ध पर विराम लग गया.
इस 11 दिन के खूनी संघर्ष में गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई, इजराइल के अधिकांश हिस्सों में जीवन थम गया था और 200 से अधिक लोगों की जानें गईं.
स्थानीय समयानुसार बुधवार देर रात दो बजे जैसे ही संघर्षविराम प्रभावी हुआ, गाजा की सड़कों पर जोशपूर्ण माहौल देखने को मिला. लोग घरों से बाहर आ गए, कुछ जोर-जोर से ‘अल्ला हू अकबर’ बोलने लगे या अपनी बालकनी से सीटी बजाने लगे. कई लोगों ने हवा में गोलियां चलाईं और इस विराम पर जश्न मनाया.
दोनों धुर विरोधियों के बीच पिछले तीन संघर्षों की तरह ही, लड़ाई का यह ताजा सिलसिला भी बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हुआ.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फलस्तीनियों और इजराइलियों को सुरक्षित तरीके से जीवन जीने का समान रूप से अधिकार है और स्वतंत्रता, समृद्धि एवं लोकतंत्र के समान प्रावधानों को प्राप्त करने का भी हक है.
बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में कहा, ‘ मेरा मानना है कि फलस्तीनियों और इजराइलियों को समान रूप से सुरक्षित जीवन जीने का तथा स्वतंत्रता, समृद्धि एवं लोकतंत्र के समान उपायों को हासिल करने का अधिकार है. मेरा प्रशासन उस दिशा में हमारी शांत एवं अनवरत कूटनीति को जारी रखेगा. मेरा मानना है कि हमारे पास प्रगति करने के वास्तविक अवसर हैं और मैं इसपर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.’
Prime Minister Netanyahu informed me that Israel has agreed to a mutual, unconditional ceasefire. The Egyptians have now informed us that Hamas and the other groups in Gaza have also agreed.
— President Biden (@POTUS) May 20, 2021
बाइडन ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर गाजा के लोगों को त्वरित मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
इजराइल ने हमास को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाने का दावा किया है लेकिन एक बार फिर वह इस्लामी चरमपंथी समूहों की ओर से लगातार रॉकेट दागे जाने को रोक पाने में असफल रहा है.
संघर्षविराम की घोषणा के तुरंत बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू को उनकी कट्टर दक्षिणपंथी पार्टी से आक्रोशित आरोपों का सामना करना पड़ा कि उन्होंने अभियान को बहुत जल्द रोक दिया.
उधर, इजराइल को बर्बाद करने की कसम खाने वाले इस्लामी चरमपंथी समूह हमास ने भी जीत का दावा किया है. लेकिन अब उसे गरीबी, व्यापक बेरोजगारी और बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले से ही जूझ रहे क्षेत्र में पुनर्निर्माण की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि उनके सुरक्षा कैबिनेट ने इजराइल के सैन्य प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की अनुशंसा के बाद मिस्र के संघर्षविराम प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया है.
अभियान में ‘महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का दावा किया गया है जिनमें से कुछ को अभूतपूर्व बताया गया है.’ इसमें हमास के खिलाफ एक अप्रत्यक्ष धमकी भी शामिल है.
बयान में कहा गया, ‘नेताओं ने कहा है कि जमीनी हकीकत अभियान के भविष्य को निर्धारित करेगी.’
इस बीच गाजा में, हमास के एक प्रवक्ता अब्देल आतिफ अल कनाओ ने कहा कि इजराइल की घोषणा, ‘हार की घोषणा’ है. फिर भी समूह ने कहा कि वह इस समझौते का मान रखेगा.
यह संघर्ष 10 मई को शुरू हुआ था जब गाजा में हमास चरमपंथियों ने यरुशलम की तरफ लंबी दूरी के रॉकेट दागे थे.
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