(हरेन्द्र मिश्रा)
यरूशलम, आठ अक्टूबर (भाषा) इजराइल पर हमास के हमले के बाद भारतीय नागरिकों से जुड़ी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और देश में फंसे लोगों ने अपनी सुरक्षित निकासी के लिए तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है।
गाजा पट्टी पर शासन करने वाले आतंकवादी समूह हमास ने शनिवार सुबह इजराइल के दक्षिण में हवा, भूमि और समुद्र से अचानक हमला कर दिया था।
रविवार को मीडिया में आईँ खबरों के अनुसार, इजराइल में सैनिकों समेत कम से कम 350 इजराइली मारे गए हैं और 1,900 से अधिक घायल हुए हैं।
इसे बीते 50 साल में देश में हुआ सबसे भीषण हमला कहा जा रहा है। इजराइल के जवाबी हमले में गाजा पट्टी में लगभग 300 लोगों की मौत हुई है और करीब 1,500 घायल हुए हैं।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लगभग 18 हजार भारतीय नागरिक इजराइल में रहते और काम करते हैं तथा अब तक उनसे जुड़ी किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है।
देश में फंसे भारतीय पर्यटकों ने भारतीय दूतावास से उन्हें बाहर निकालने का अनुरोध किया है। अधिकतर पर्यटक समूहों में यात्रा कर रहे हैं।
इजराइल का दौरा करने वाले कुछ व्यवसायी भी हैं जो तनाव में हैं और वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
तेल अवीव में भारतीय मिशन और फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार को परामर्श जारी कर भारतीय नागरिकों से ‘सतर्क रहने’ और आपात स्थिति में ‘सीधे कार्यालय से संपर्क करने’ की अपील की थी।
दूतावास के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वे चौबीस घंटे सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं और सक्रिय रूप से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।
इजराइल में रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं।
हिब्रू विश्वविद्यालय में ‘डॉक्टरेट’ की छात्रा बिंदू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने शनिवार को पूरे दिन निर्देशों का अक्षरश: पालन किया और सुरक्षित महसूस किया।
उन्होंने कहा कि सभी भारतीय छात्र एक-दूसरे के संपर्क में हैं और लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
कुछ अन्य छात्रों ने भी कहा कि उन्हें स्थिति नियंत्रण में आती दिख रही है और ‘हमें अनावश्यक रूप से दहशत नहीं फैलानी चाहिए।”
हिब्रू विश्वविद्यालय के गिवत राम कैंपस में ‘पोस्टडॉक्टरल फेलो’ विकास शर्मा ने कहा, “हमले के कारण इजराइल में तनावपूर्ण स्थिति है, लेकिन सभी भारतीय छात्र सुरक्षित हैं। अधिकतर छात्र संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए छात्रावासों और आवासों में रह रहे हैं। हम व्हाट्सऐप के माध्यम से एक-दूसरे के साथ-साथ भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं।”
इजराइल में देखभाल करने के कार्य से जुड़े लोग भी भारतीय मिशन के दिशानिर्देशों का पालन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
अश्केलॉन में सबसे ज्यादा रॉकेट गिरे हैं। वहां रहने वाले एले प्रसाद ने कहा कि ‘‘उन्हें बहुत सतर्क रहना होगा ताकि सायरन बजने के बाद वे जल्द से जल्द आश्रय गृह तक पहुंच सकें।”
वहीं, एक अन्य देखभालकर्ता विवेक ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है लेकिन वे सभी ठीक हैं और दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं।
गाजा में रहने वाली एक भारतीय नागरिक ने कहा कि स्थिति ‘डरावनी’ है लेकिन वह और उसका परिवार सुरक्षित है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”कोई इंटरनेट कनेक्शन और बिजली नहीं है। स्थिति डरावनी है लेकिन हम ठीक हैं।”
भाषा जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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