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Thursday, 19 September, 2024
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भारतीय रक्षा उद्योग को अफ्रीका में साझेदारी की उम्मीद

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(फकीर हसन)

जोहानिसबर्ग, 19 सितंबर (भाषा) भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की आठ और निजी क्षेत्र की दो रक्षा उपकरण विनिर्माता कंपनियां ‘अफ्रीका एयरोस्पेस एंड डिफेंस एक्सपो’ में हिस्सा ले रही हैं। ये कंपनियां अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्रदर्शित कर रही हैं और बिक्री के बाद उनके रखरखाव में सहयोग की पेशकश कर रही हैं।

अफ्रीका एयरोस्पेस एंड डिफेंस (एएडी) में हिस्सा ले रहे अधिकारियों ने बताया कि रखरखाव को एक महत्वपूर्ण कारक मानते हुए रक्षा क्षेत्र की इन शीर्ष कंपनियों को विश्वास है कि वायु, भूमि और समुद्री उत्पादों में भारत की क्षमता को महाद्वीप और वैश्विक स्तर पर पसंद किया जाएगा।

दक्षिण अफ्रीका की प्रशासनिक राजधानी च्वेन में स्थित वाटरक्लूफ वायुसेना केंद्र पर आयोजित एएडी प्रदर्शनी देश के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा योगदान देने वाले आयोजनों में से एक है।

इस साल 18 से 22 सितंबर तक एएडी के तहत प्रदर्शनी और एयर शो आयोजित किया जा रहा है।

दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त प्रभात कुमार ने प्रदर्शनी में भारत के पैवेलियन का बुधवार को आधिकारिक उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘हमारे उत्पादों ने लड़ाई की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए वे अफ्रीकी देशों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। मुझे भरोसा है कि वे इन उत्पादों की खरीद करेंगे।’’

रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के उद्यम आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय द्विवेदी ने कहा कि यह पहली बार है कि वे प्रदर्शक के रूप में भाग ले रहे हैं।

एवीएनएल 1962 से ही अलग- अलग प्रकार के टैंक, लड़ाकू वाहनों और बारूदी सुरंग से बचने में सक्षम वाहनों और टैंक के इंजन का उत्पादन कर रहा है।

द्विवेदी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अफ्रीका के रक्षा बाजार में बहुत अधिक संभावना है और हम अपने उत्पाद को बेच सकते हैं और साथ ही उनके वाहनों के बनाने और आधुनिकीकरण में मदद कर सकते हैं।’’

हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के विपणन महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि कंपनी अपने नवीनतम उत्पाद आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर को प्रदर्शित कर रही है।

भारत डायनामिक्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक गिरीश प्रधान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को आपूर्ति किये जा रहे लड़ाकू हथियारों की दक्षिण अफ्रीका में तैनाती की काफी संभावनाएं हैं।

इसके अलावा अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और व्यावसायिक अवसरों की तलाश करने वाली कंपनियों में इंडिया ऑप्टेल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड शामिल हैं।

भाषा धीरज वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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