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Wednesday, 6 November, 2024
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ब्रिटेन में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित समूहों में शामिल है भारतीय समुदाय

ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) के परिषद के अध्यक्ष डॉ चांद नागपाल ने कहा, ‘सरकार को इस भयानक अंतर को दूर करने और देश के सभी समुदायों की समान रूप से सुरक्षा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने चाहिए.’

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लंदन: ब्रिटेन में भारतीय समुदाय कोरोनावायरस महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले समूहों में शामिल है. इंग्लैंड के अस्पतालों में कोविड-19 की वजह से हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यह जानकारी सामने आई है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) इंग्लैंड द्वारा इस सप्ताह जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि 17 अप्रैल तक अस्पतालों में कोरोनावायरस से मरने वाले 13,918 रोगियों में 16.2 प्रतिशत मरीज अश्वेत समुदाय, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय (बीएएमई) पृष्ठभूमि के थे जिनमें भारतीय मूल के लोगों की संख्या 3 प्रतिशत है.

इसके बाद कैरीबियाई समुदाय दूसरा सबसे बड़े प्रभावित जातीय समूह है. कोविड-19 से मरने वाले लोगों की कुल संख्या में इस समूह की संख्या 2.9 प्रतिशत है.

इसके बाद पाकिस्तानी लोगों की संख्या है, जो 2.1 प्रतिशत है.

ब्रिटेन सरकार ने बीएएमई आबादी के बीच कोरोनावायरस से होने वाली मौतों की समीक्षा जारी की है.

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने पिछले हफ्ते समीक्षा जारी करते हुए कहा, ‘बहुत अधिक अनुपात में अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के लोगों की मौत हुई है जिसने वास्तव में मुझे चिंता में डाल दिया है.’ बीएएमई समूहों के लोगों की मौतों का अनुपात उनकी कुल आबादी के अनुपात की तुलना में बहुत अधिक है. इन समूहों की आबादी कुल आबादी की लगभग 13 प्रतिशत है.

मृतकों में श्वते लोगों की संख्या 73.6 प्रतिशत है.


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16.2 प्रतिशत बीएएमई के आंकड़ों में, बांग्लादेशी लोगों की संख्या 0.6 प्रतिशत, अन्य एशियाई पृष्ठभूमि के लोगों की संख्या 1.6 प्रतिशत, अफ्रीकी मूल के लोगों की संख्या 1.9 प्रतिशत, किसी भी अन्य अश्वते पृष्ठभूमि के लोगों की संख्या 0.9 प्रतिशत, चीनी लोगों की संख्या 0.4 प्रतिशत और बाकि अन्य जातीय समूह की संख्या 2.8 प्रतिशत है.

ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) के परिषद के अध्यक्ष डॉ चांद नागपाल ने कहा, ‘सरकार को इस भयानक अंतर को दूर करने और देश के सभी समुदायों की समान रूप से सुरक्षा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने चाहिए.’

इस बीच, कोविड-19 से एनएचएस कर्मियों की मौत के आंकड़े के विश्लेषण में भी मृतकों में बीएएमई समुदाय के लोगों का अनुपात अधिक होने का पता चला है, जिसमें ब्रिटेन के पहले सिख आपातकालीन चिकित्सा सलाहकार डॉ. मंजीत सिंह रियात की मौत भी शामिल है. कोविड-19 से अब तक एनएचएस के 69 कर्मियों की जान जा चुकी है.

सरकार ने बुधवार को कहा कि देश में कोरोनावायरस से 759 और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मृतकों की संख्या 18,100 हो गई है.

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