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Sunday, 16 June, 2024
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भारतवंशी अमेरिकी सिख अधिकारी संदीप धालीवाल के हत्यारे को मौत की सजा

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ह्यूस्टन, 27 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के टेक्सास में पहले पगड़ीधारी भारतवंशी सिख पुलिस अधिकारी संदीप धालीवाल की हत्या के मामले में दोषी करार दिए जा चुके रॉबर्ट सोलिस को मौत की सजा सुनाई गई है।

धालीवाल टेक्सास में तैनात थे और 2019 में यातायात सिग्नल पर उनकी हत्या कर दी गई थी।

एक जूरी ने सोलिस को मौत की सजा दिए जाने का फैसला सुनाया है। बुधवार को सुनाई गई सजा के दौरान सेलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मौत की सजा की सिफारिश करने से पहले जूरी सदस्यों ने सिर्फ 35 मिनट तक विचार-विमर्श किया।

हैरिस काउंटी के शेरिफ एड गोंजालेज ने ट्विटर पर बताया कि जूरी सदस्यों ने सोलिस को मौत की सजा सुनाई है। उन्होंने कहा, “हम इस बात से बहुत खुश हैं कि धालीवाल को न्याय दिया गया है।”

सोलिस (50) को ह्यूस्टन की हैरिस काउंटी की आपराधिक अदालत ने 42 वर्षीय धालीवाल की हत्या का दोषी ठहराया है।

धालीवाल उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्हें नौकरी के दौरान दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की अनुमति दे दी गई थी। उत्तर पश्चिम ह्यूसन में यातायात सिग्नल पर धालीवाल की 27 सितंबर 2019 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

अधिकारियों ने कहा कि धालीवाल ने सोलिस को एक रिहायशी इलाके में रोका था और जब वह अपनी गश्ती कार की ओर वापस जा रहे थे तो उन्हें पीछे से कई गोलियां मारी गई थीं।

जूरी के सदस्यों ने गोलीबारी के विभिन्न कोणों को देखा और अभियोजन के 65 गवाहों की गवाही सुनी।

सुनवाई के दौरान सोलिस ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि उससे दुर्घटनावश गोली चली थी, जो धालीवाल को लग गई।

सीबीएस न्यूज की खबर के मुताबिक, अभियोजकों ने दलील दी थी कि सोलिस ने जानबूझकर धालीवाल को गोली मारी, क्योंकि वह वापस जेल नहीं जाना चाहता था।

वहीं, केटीआरके-टीवी ह्यूस्टन की खबर के अनुसार, धालीवाल की बड़ी बहन हरप्रीत राय ने कहा, “काश इस समय हमारे पास धालीवाल होते। आज कितने लोगों को न्याय मिलता है? कितने परिवारों को?”

शेरिफ गोंजालेज ने कहा, “हम सभी को धालीवाल बनने की ख्वाहिश रखनी चाहिए। उन्होंने ऐसी विरासत छोड़ी है। वह एक मानवतावादी थे, जिन्होंने अपने काम से परे कई लोगों की मदद की।”

सोलिस को मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ ही समय बाद एक किशोरी ने सीधे सोलिस से कहा, “आप कोई नहीं हैं, रॉबर्ट। आप इस कमरे में सबसे कम शक्तिशाली व्यक्ति हैं।”

धालीवाल ने ‘यूनाइटेड सिख्स’ के साथ काम किया था, जो एक वैश्विक मानवीय राहत और गैर-लाभकारी संस्था है।

भाषा

नोमान पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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