(फाकिर हसन)
जोहानिसबर्ग, 23 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अपने समापन भाषण में कहा कि दो दिवसीय विचार-विमर्श के बाद जी20 शिखर सम्मेलन रविवार अपराह्न संपन्न हो गया जिसकी नींव भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया ने रखी थी।
रामफोसा ने कहा, “हमने इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील के कार्यों से बहुत कुछ सीखा। कई मायनों में, यहां जो कुछ घटित हुआ है, वह ‘ग्लोबल साउथ’ के इन तीन देशों द्वारा रखी गई बुनियाद पर आधारित है।”
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा, “जी20 दक्षिण अफ्रीका नेताओं का घोषणापत्र सिर्फ शब्दों से कहीं बढ़कर है। यह ठोस कार्रवाई के लिये प्रतिबद्धता है जिससे दुनिया के हर हिस्से में लोगों का जीवन बेहतर होगा।”
उन्होंने कहा, “इस शिखर सम्मेलन के दौरान घोषणा-पत्र पर हमारी सहमति यह दर्शाती है कि जी20 एक ऐसे मंच के रूप में कितना मूल्यवान है, जो न केवल नेताओं के साझा मुद्दों पर, बल्कि विश्व की जनता की साझा चिंताओं पर भी संयुक्त कार्रवाई को संभव बना सकता है।”
राष्ट्रपति ने कहा, “इससे भी बढ़कर, यह हमारे बहुपक्षीय सहयोग के प्रति नए सिरे से लिये गए संकल्प और इस स्वीकारोक्ति को पुनः स्थापित करता है कि हमारे साझा लक्ष्य, हमारे मतभेदों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।”
जी20 सदस्यों को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देते हुए रामफोसा ने कहा कि उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 की भूमिका को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, “हम इस वर्ष महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच मिले और यह साबित किया कि बड़ी कठिनाइयों के समय में भी बेहतर दुनिया के प्रयास के लिए हम एकजुट हो सकते हैं।”
राष्ट्रपति ने दोहराया कि 21वीं सदी में समृद्धि का सबसे बड़ा अवसर अफ्रीका में निहित है।
रामफोसा ने कहा, “हमने अफ्रीका की वृद्धि और विकास को जी20 के एजेंडे के केंद्र में रखने का प्रयास किया है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अफ्रीका और जी20 के बीच, और वास्तव में अफ्रीका और विश्व के बाकी देशों के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता होगी।”
भाषा प्रशांत धीरज
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