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Sunday, 5 October, 2025
होमThe FinePrintतस्वीरों में: ग़मगीन हुआ काठमांडू, युवा 'क्रांतिकारियों' को राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा कर दी अंतिम विदाई

तस्वीरों में: ग़मगीन हुआ काठमांडू, युवा ‘क्रांतिकारियों’ को राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा कर दी अंतिम विदाई

हिंसक आंदोलन के दौरान मारे गए भ्रष्टाचार विरोधी जेनरेशन जी प्रदर्शनकारियों को शहीदों की विदाई दी जा रही है, तथा सैकड़ों लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए आ रहे हैं.

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काठमांडू: नेपाल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन 8-9 सितंबर को भ्रष्टाचार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनका कहना है कि उनकी ज़िंदगी लंबे समय तक सामान्य नहीं होगी.

जेन-जी प्रदर्शनकारियों द्वारा आयोजित और नेतृत्व किए गए देशव्यापी प्रदर्शनों ने दो दिन तक चला. इसमें 50 से ज्यादा लोगों की जान गई और सार्वजनिक संपत्ति व बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ. दबाव में आकर प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. देश में फैली अराजकता के बीच अधिकारियों ने कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां लगा दीं और सेना ने हालात को संभाल लिया.

पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने शुक्रवार रात अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.

Last remains of Bhimraj Dhami,one of the deceased protesters, draped in national flag of Nepal being taken for cremation. | Manisha Mondal/ThePrint
मृतक प्रदर्शनकारियों में से एक भीमराज धामी के अंतिम अवशेष, नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए, अंतिम संस्कार के लिए ले जाए जा रहे हैं | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
Bhimraj Dhami's wailing mother. The 28-year-old he was the youngest son the family, married a year ago. | Manisha Mondal/ThePrint
भीमराज धामी की रोती हुई मां. 28 वर्षीय भीमराज परिवार का सबसे छोटा बेटा था, जिसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी | मनीषा मंडल/दिप्रिंट
Bhimraj Dhami’s brothers grieving at the ghat. | Manisha Mondal/ThePrint
घाट पर शोक मनाते भीमराज धामी के भाई | मनीषा मंडल/दिप्रिंट

जेन-जी प्रदर्शनकारियों, जिन्होंने आंदोलन में जान गंवाई, को शनिवार को शहीद की तरह विदाई दी गई. उनके शव राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए थे और सैकड़ों लोगों ने उन्हें अंतिम सम्मान दिया.

भीमराज धामी अपने परिवार के विरोध के बावजूद दोस्तों के साथ प्रदर्शन में गए थे. वह कभी अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे के पास लौटकर नहीं आए. 28 वर्षीय स्थानीय कारोबारी की मौत सीने में गोली लगने से हुई.

Bhimraj Dhami’s mother and wife (pink sweater) at the ghat. | Manisha Mondal/ThePrint
घाट पर भीमराज धामी की मां और पत्नी (गुलाबी स्वेटर) | मनीषा मंडल/दिप्रिंट
Mahen Budhathoki’s friends at the cremation ghats. | Manisha Mondal/ThePrint
श्मशान घाट पर महेन बुधाथोकी के दोस्त | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

उनके करीबी दोस्त उन्हें क्रांतिकारी कहते हैं. लेकिन परिवार पूछता है कि अब उनकी पत्नी और बेटे का ख्याल कौन रखेगा. धामी के एक रिश्तेदार थापा ने दिप्रिंट से कहा, “हमें सरकार या किसी भी अधिकारी से मुआवज़ा या किसी राहत के बारे में कुछ नहीं बताया गया है.”

काठमांडू के पशुपतिनाथ श्मशान घाट में धामी के बगल में एक और शव रखा था. महेन बुढाथोकी की कहानी भी धामी जैसी ही है.

The grieving family members. | Manisha Mondal/ThePrint
शोकाकुल परिवार के सदस्य | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
People at the last rites of Gen Z protestors. | Manisha Mondal/ThePrint
जेनरेशन ज़ी प्रदर्शनकारियों के अंतिम संस्कार में शामिल लोग। | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

22 वर्षीय बुढाथोकी कोटेश्वर कॉलेज के छात्र थे और कुछ महीनों में यूरोप के माल्टा जाने की योजना बना रहे थे. उन्हें वहां नौकरी मिल गई थी. वह अपने कॉलेज के बाहर प्रदर्शनकारियों के बीच मौजूद थे, तभी उनकी गर्दन में गोली लगी और मौत हो गई.

Budhathok Mahen’s inconsolable mother at the steps of the Pashupatinath temple. | Manisha Mondal/ThePrint
पशुपतिनाथ मंदिर की सीढ़ियों पर बुधाथोक महेन की गमगीन मां | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
Hundreds of people gather to bid farewell to Bhimraj Dhami and Budhathok Mahen. | Manisha Mondal/ThePrint
भीमराज धामी और बूढ़ाथोक महेन को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए | मनीषा मंडल/दिप्रिंट

मॉर्चरी अधिकारियों ने बताया कि उन्हें 38 शव मिले हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. इनमें एक भारतीय था.

Body of Mahen Budhathoki kept on the banks of Bagmati river at Pashupatinath Ghat for last rites. | Manisha Mondal/ThePrint
महेन बुधाथोकी का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पशुपतिनाथ घाट पर बागमती नदी के तट पर रखा गया | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
The families of deceased GenZ protestors mourn their loss. | Manisha Mondal/ThePrint
मृत जनरेशन जी प्रदर्शनकारियों के परिवार शोक में डूबे हुए हैं | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
The last rites being conduted at the Pashupatinath crematorium in Kathmandu. | Manisha Mondal/ThePrint
काठमांडू के पशुपतिनाथ श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
At the Pashupatinath crematorium in Kathmandu. | Manisha Mondal/ThePrint
काठमांडू के पशुपतिनाथ श्मशान घाट पर | मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
Body of Mahen Budhathoki kept on the banks of Bagmati river at Pashupatinath Ghat for last rites. | Manisha Mondal/ThePrint
महेन बुधाथोकी का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पशुपतिनाथ घाट पर बागमती नदी के तट पर रखा गया | मनीषा मोंडल/दप्रिंट

ग़ाज़ियाबाद की 57 वर्षीय महिला राजेश गोला एक होटल से भागने की कोशिश कर रही थीं, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी. वह अपने पति के साथ काठमांडू के हयात होटल में थीं, जब प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. उन्होंने और उनके पति ने चौथी मंजिल से गद्दे पर छलांग लगाई. गोला के पति को भी चोटें आई हैं.

(इस फोटो गैलरी को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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