इस्लामाबाद (पाकिस्तान): पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को कहा कि नेशनल असेम्बली में ‘इमरान खान अब बहुमत खो चुके हैं’ और विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ जल्दी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.
विश्वास मत पर वोटिंग से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, जिसके अगले कुछ दिनों में होने की उम्मीद है, बिलावल भुट्टो ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को विपक्ष के साथ हाथ मिलाने और अविश्वास प्रस्ताव में इमरान खान को बाहर करने के लिए उनका समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मतदान गुरुवार को होना चाहिए.
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं. वह अब प्रधानमंत्री नहीं रहे हैं. संसद का सत्र कल है. चलो कल मतदान करते हैं और इस मामले को सुलझाते हैं. हम तब पारदर्शी चुनाव और लोकतंत्र की बहाली यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं और आर्थिक संकट के खात्मे की शुरुआत कर सकते हैं.’
बिलावल भुट्टों ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ जल्दी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.
उन्होंने कहा, ‘पीपीपी और एमक्यूएम-पी के कामकाजी संबंध का अविश्वास प्रस्ताव से कोई लेना-देना नहीं है. दोनों पार्टियों को कराची और पाकिस्तान के विकास के लिए मिलकर काम करना होगा.’
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पद से इस्तीफा देने की चुनौती दी है. बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘उनके (इमरान खान) के पास कोई विकल्प नहीं बचा है. वह या तो इस्तीफा दे सकते हैं या अविश्वास के जरिए बर्खास्त हो सकते हैं.’
इससे पहले मंगलवार को सत्तारूढ़ पीटीआई को एक और झटका लगा जब सरकार की सहयोगी एमक्यूएम-पी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का साथ देने और उनका समर्थन करने का फैसला किया.
पाकिस्तान के पीएम के खिलाफ नेशनल असेंबली में कुल 161 वोटों के साथ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद कार्यवाही 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.
अविश्वास मत से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने वाले कुछ सहयोगियों के साथ इमरान खान पर बढ़ते दबाव के बीच, पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे.
‘प्रधानमंत्री इमरान खान ऐसे खिलाड़ी हैं जो आखिरी बॉल तक खेलते हैं, वह इस्तीफा नहीं देंगे.’ फवाद चौधरी ने उर्दू ट्वीट में कहा.
3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की उम्मीद के साथ इमरान खान अनिश्चितता की स्थिति में हैं.
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