नई दिल्ली: पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे (संदिग्ध) सूची से बाहर कर दिया गया है. एफएटीएफ आतंकवादी वित्त पोषण और धन शोधन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है.
पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था.
वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमा को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है. काली सूची में उच्च जोखिम वाले उन क्षेत्रों को रखा जाता है, जहां कार्रवाई किए जाने की जरूरत है.
एफएटीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि वह धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के तंत्र में सुधार की दिशा में पाकिस्तान द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है.
एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाने का फैसला लिया.
वैश्विक कार्यबल ने कहा, ‘पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया है और रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उन तकनीकी कमियों को दूर किया है, जिनका जिक्र एफएटीएफ ने जून 2018 और जून 2021 में किया था. उसने संबंधित प्रतिबद्धताओं को तय समयसीमा से पहले पूरा किया है, जिसमें कुल 34 कार्य बिंदु शामिल थे.’
एफएटीएफ ने कहा, ‘इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है. पाकिस्तान धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए एपीजी के साथ काम करना जारी रखेगा.’
ग्रे सूची से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्ती मदद हासिल करने की कोशिश कर सकता है.
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