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Sunday, 5 May, 2024
होमविदेश'मानवीय कीमत की अनदेखी उल्टी पड़ सकती है'- ओबामा की इज़रायल से अपील, गाज़ा में ज्यादा नागरिक न हों हताहत 

‘मानवीय कीमत की अनदेखी उल्टी पड़ सकती है’- ओबामा की इज़रायल से अपील, गाज़ा में ज्यादा नागरिक न हों हताहत 

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तेल अवीव से 9/11 के बाद अमेरिका की गलतियों से सीखने का आग्रह किया और चेताया कि उसके कार्यों से वैश्विक समर्थन खत्म हो सकता है और शांति के प्रयास कमजोर हो सकते हैं.

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नई दिल्ली : जैसा कि इज़रायल ने गाज़ा के खिलाफ अपना सैन्य आक्रमण जारी रखे हुए है, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तेल अवीव से “अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने” और नागरिक हताहतों की संख्या सीमित करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह इज़रायल की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए “अहम” था.

सोमवार को जारी एक बयान में, ओबामा ने गाज़ा पर इज़रायली बमबारी के कारण फ़िलिस्तीनी, खासकर बच्चों की बड़ी संख्या में मौतों पर चिंता जताई.

उन्होंने कहा, “…किसी भी तरह की इज़रायली सैन्य रणनीति जो मानवीय कीमत को नजरअंदाज करती है, आखिर में उसका उल्टा असर हो सकता है. पहले ही, गाज़ा पर बमबारी में हजारों फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें से कई बच्चे हैं.”

उन्होंने कहा कि नागरिकों के लिए भोजन, पानी और बिजली काटने के इज़रायल के कदम “इज़रायल के लिए वैश्विक समर्थन को खत्म कर सकता है, आने वाली पीढ़ियों के लिए फ़िलिस्तीनी रवैये को सख्त कर सकती है, वे इज़रायल के दुश्मनों के हाथों में खेल सकती हैं और क्षेत्र में शांति व स्थिरता हासिल करने के दीर्घकालिक प्रयासों को कमजोर कर सकती हैं.”

ओबामा का बयान तब आया है जब गाज़ा में फ़िलीस्तीन की स्वास्थ्य अथॉरिटीज ने कहा कि इज़रायल के हमले से कम से कम 5,087 लोग मारे गए हैं, जबकि 15,273 लोग घायल हुए हैं. इसमें कहा गया है कि महिलाएं और बच्चों की मौत 62 प्रतिशत हुई है.

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर से फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के साथ काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के कम से कम 35 कर्मचारी मारे गए हैं.

7 अक्टूबर को, हमास ने इज़रायल के खिलाफ अभूतपूर्व हवाई और जमीनी हमले किए थे, जिसमें 1,400 इज़रायली मारे गए थे, हजारों लोग घायल हुए हैं और अब तक कम से कम 203 लोगों को बंदी बनाया गया है.


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रॉयटर्स ने बताया कि 203 बंधकों में से, हमास ने चार को रिहा कर दिया है, जिसमें दो बुजुर्ग इज़रायली बंधकों को सोमवार को और एक अमेरिकी महिला और उसकी बेटी को शुक्रवार को रिहा किया गया है.

इस बीच, इज़रायली रक्षा बलों (आईडीएफ) के जनरल स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरज़ी हलेवी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि इज़रायल हमास के खिलाफ अपना “लगातार हमले” जारी रखेगा.

हलेवी ने कहा, “हम हमास को पूरी तरह से नष्ट करने की स्थिति में लाना चाहते हैं – इसके नेता, इसकी सैन्य शाखा और इसके कामकाजी तंत्र को.”

उन्होंने कहा, “यही कारण है कि हम (हमास) के उच्च-रैंकिंग कमांडरों और सदस्यों पर हमला कर रहे हैं और उन्हें खत्म कर रहे हैं, बुनियादी ढांचे को नष्ट कर रहे हैं और बड़े दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं. लगातार हमलों के जरिए, जो हर जगह और हर तरह से हमास को नुकसान पहुंचा रहा है.”

‘यहूदी-विरोधी, मुस्लिम-विरोधी भावनाओं को अस्वीकार करें’

ओबामा ने यहूदी विरोधी भावना और मुस्लिम विरोधी भावनाओं को नकारने का भी आह्वान किया, क्योंकि जारी संघर्ष ने दुनिया के अन्य हिस्सों में दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा कर दिया है.

ओबामा ने कहा, “इसका मतलब है, हर जगह, सभी रूपों में यहूदी विरोधी भावना का सक्रिय रूप से विरोध करना है. इसका मतलब है इज़रायली लोगों द्वारा हाल ही में झेली गई भयानक त्रासदी को कम करने के प्रयासों को नकारना है, साथ ही नैतिक रूप से ऐसे दिवालिया सुझाव खारिज करना है जिसके कारण निर्दोष लोगों की जानबूझकर की गई हत्या को उचित ठहरा सकता है.”

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर के बाद से ‘यहूदी विरोधी’ और ‘इस्लामाफोबिक’ हमलों में वृद्धि देखी गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि, पिछले शुक्रवार को लंदन पुलिस ने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में यहूदी विरोधी हमलों में 1,353 प्रतिशत की वृद्धि और इस्लामोफोबिक हमलों में 140 प्रतिशत की वृद्धि की जानकारी दी है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 1 से 18 अक्टूबर के बीच 218 यहूदी विरोधी और 101 इस्लामोफोबिक अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इसी अवधि में संबंधित समुदायों के खिलाफ 15 और 42 हमले हुए थे.

इसके अलावा, 17 अक्टूबर को शिकागो क्षेत्र में एक छह वर्षीय फ़िलिस्तीनी अमेरिकी को कथित तौर पर उसके मकान मालिक द्वारा 26 बार चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी, अधिकारियों का आरोप है कि यह एक हेट क्राइम है.

इस बीच, ओबामा ने इज़रायल से “शरणार्थी आंदोलन” को अपना “मौन या स्पष्ट” समर्थन देने का आह्वान किया, जिसने फ़िलिस्तीनियों को उनके क्षेत्रों से जबरन विस्थापित करना जारी रखा है.

ओबामा ने कहा, “…अच्छी इच्छा शक्ति वाले लोगों के लिए फ़िलिस्तीनी अधिकारों की वकालत करना और यहूदी विरोधी हुए बिना वेस्ट बैंक और गाज़ा में इज़रायली सरकार की कुछ नीतियों का विरोध करना संभव है.”

हमास का खात्मा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो-राज्य समाधान के लिए अपना समर्थन दोहराया और कहा कि यह इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच स्थायी शांति हासिल करने का “सबसे अच्छा और शायद एकमात्र तरीका” है.

ओबामा ने कहा कि…हमें क्षेत्र के सभी प्रमुख लोगों से उन फ़िलिस्तीनी नेताओं और संगठनों के साथ जुड़ने का आह्वान करना चाहिए जो फ़िलिस्तीनियों के वैध आकांक्षाओं को प्राप्त करने के उनके आत्मनिर्णय और इज़रायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देने के साथ हैं.

उन्होंने नागरिक हताहतों की संख्या को कम करने, आत्मरक्षा और हमास की सैन्य क्षमताओं को नष्ट करने के इज़रायल के अधिकार का समर्थन किया, और तेल अवीव से 9/11 के बाद अमेरिका की गलतियों से सीखने का आग्रह किया.

यह संदेश पिछले सप्ताह ओवल कार्यालय से राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति जो बाइडेन के संबोधन के समान है, जहां उन्होंने इज़रायल को आगाह किया था कि वह “क्रोध से अंधा न हो” और हमास की कार्रवाइयां फ़िलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को छीनती न हों.

रॉयटर्स के मुताबिक, हालांकि, इज़रायल का जवाबी हमला और पश्चिम का, तेल अवीव को स्पष्ट सपोर्ट ने, रूस और चीन को विकासशील दुनिया की आवाज बनने का मौका दे दिया है व क्षेत्र के देशों को साझा वजह दे दी है.

पिछले सप्ताह रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल (यूएनएससी) में संघर्ष विराम का एक प्रस्ताव लाया था जो पास नहीं हो पाया था. ‘मानवीय रुकावट’ को लेकर ब्राजील के नेतृत्व में प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया था. जैसा कि रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया है, चीन ने कहा है कि इज़रायल की कार्रवाई आत्मरक्षा के दायरे से परे चली गई है.

(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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