कराची, 14 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के बावजूद नेशनल एकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनएपीए) द्वारा यहां हिंदू जिमखाना खाली करने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। मीडिया में सोमवार को आई एक खबर में यह कहा गया है।
यह जिमखाना यहां स्थित एक संरक्षित धरोहर भवन है, जिसे 2005 में स्थानीय हिंदू समुदाय ने एनएपीए को किराये पर दिया था।
स्थानीय हिंदू समुदाय एनएपीए से भवन खाली कराने की नियमित रूप से मांग रहा है, जिसके लिए समुदाय ने अदालत का रुख किया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, शीर्ष न्यायालय ने नवंबर 2021 में समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे रत्नेश्वर महादेव की याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन को उपयुक्त समय पर एकेडमी को कहीं दूसरी जगह ले जाने का निर्देश दिया था।
खबर में पाकिस्तान के संस्कृति महानिदेशक अब्दुल अलील लाशरी के हवाले से कहा गया है, ‘‘हम अदालत के आदेशों का अनुपालन कर रहे हैं और एकेडमी के लिए एक वैकल्पिक जगह ढूंढी है। यह उत्तर कराची में जिन्ना कल्चरल कॉम्पलेक्स में स्थित है लेकिन एनएपीए शहर के किसी प्रमुख हिस्से में जगह मुहैया कराने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है।’’
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