scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमडिफेंसअब हमास के रॉकेटों को रोकने के लिए आयरन बीम का होगा इस्तेमाल— इज़रायल की एयर डिफेंस में यह पांचवा नाम

अब हमास के रॉकेटों को रोकने के लिए आयरन बीम का होगा इस्तेमाल— इज़रायल की एयर डिफेंस में यह पांचवा नाम

आयरन बीम, जो आयरन डोम के साथ मिलकर काम करेगा, हवाई हमलों को नष्ट करने के लिए फाइबर लेजर का उपयोग करता है. इज़रायल अब इसकी जल्द तैनाती पर नज़र गड़ाए है, जो पहले 2025 के लिए निर्धारित थी.

Text Size:

नई दिल्ली: गाजा से हमास और लेबनान से हिजबुल्लाह द्वारा दागे गए रॉकेटों की बौछार के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इज़रायल अब इज़रायली कंपनी राफेल द्वारा विकसित आयरन बीम मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती पर तेजी से विचार कर सकता है. इज़रायल यह कदम अपनी हवाई सुरक्षा को जल्द से जल्द मजबूत करने के लिए उठा रहा है.

एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद, आयरन डोम इज़रायल की एकीकृत मिसाइल रक्षा प्रणाली का पांचवां नाम बन जाएगा. इससे पहले इज़रायल एरो 2, एरो 3, डेविड स्लिंग और आयरन डोम का इस्तेमाल कर रहा है.

राफेल के 100 किलोवाट आयरन बीम को मानव रहित हवाई प्रणालियों (UAS), काउंटर-मानव रहित हवाई प्रणालियों (C-UAS) और टैंक रोधी मिसाइलों के अलावा रॉकेट, तोपखाने और मोर्टार (RAM) को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह खुद और अन्य रक्षा प्रणालियों के साथ मिलकर काम कर सकता है.

अपनी वेबसाइट पर, राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स का कहना है कि आयरन बीम “सटीकता के साथ खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला को बेअसर कर सकता है और सुरक्षा बलों तथा नागरिकों की रक्षा कर सकता है.” साथ ही कंपनी का कहना है कि इसे “सीमित क्षति” सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Iron Beam missile defence system | Courtesy: Rafael
आयरन बीम मिसाइल रक्षा प्रणाली | फोटो: Rafael

राफेल में लैंड मनूवर सिस्टम डायरेक्ट्रेट के उपाध्यक्ष और प्रमुख तथा राफेल USA के सीईओ माइकल लूरी ने पिछले साल समाचार पोर्टल जेन्स को बताया था, “हमें लगता है कि यह सिस्टम पहला परिचालन हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम होगा, इसलिए नहीं कि हम तकनीकी रूप से सबसे उन्नत हैं…अन्य अमेरिकी कंपनियां और शायद अन्य देश भी हैं जो तकनीकी रूप से बहुत विकसित हैं, लेकिन इज़रायल को इसकी तत्काल आवश्यकता है.”

रिपोर्ट में कहा गया था कि इस नए लेजर हथियार को विकसित करने का उद्देश्य “एक ऐसी क्षमता बनाना है जो फील्ड आयरन डोम प्रणाली की पूरक हो”. आयरन डोम 2011 से चालू एक वायु रक्षा प्रणाली है जिसने एक दशक से अधिक समय तक इज़रायली आबादी को रॉकेटों से बचाया है और इसने इसमें 90 प्रतिशत तक सफलता भी हासिल की है.

उन्होंने कहा कि आयरन बीम आयरन डोम की जगह नहीं ले रहा है बल्कि यह इसका पूरक है क्योंकि हो सकता है कि खराब मौसम या अन्य वजहों से कई बार लेजर आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली को प्रणाली को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

Israel's Iron Dome anti-missile system intercepts rockets launched from Gaza on 15 October, 2023 | REUTERS/Amir Cohen
इज़रायल की आयरन डोम एंटी-मिसाइल प्रणाली ने 15 अक्टूबर, 2023 को गाजा से लॉन्च किए गए रॉकेटों को रोक दिया | फोटो: REUTERS

यह भी पढ़ें: हमास ने फ़िलिस्तीन के मकसद को कमजोर कर दिया है, इसमें अब तक तटस्थ भारत के लिए चलना कठिन होगा


चल रहे संघर्ष में इज़रायल ने हमास और हिजबुल्लाह द्वारा इज़रायली क्षेत्र में लॉन्च की गई सैकड़ों और कभी-कभी हजारों मिसाइलों को रोकने के लिए आयरन डोम पर भरोसा किया है.

हालांकि, चूंकि आयरन डोम प्रणाली के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों की आवश्यकता होती है, इसलिए इज़रायल रक्षा बलों (IDF) ने कथित तौर पर आयरन बीम प्रणाली का परीक्षण शुरू कर दिया है, जो एक निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) वायु रक्षा प्रणाली है.

‘ट्रांसफर करना और छिपाना आसान’

आयरन बीम को फरवरी 2014 में राफेल द्वारा सिंगापुर एयरशो में पेश किया गया था. हालांकि, इसके 2025 तक चालू होने की उम्मीद थी, लेकिन इज़रायल अब इसे जल्द से जल्द चालू करने के लिए तेजी ला रहा है.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, आयरन बीम “आयरन डोम की तुलना में छोटा और हल्का है, जिससे इसे ट्रांसफर करना और छिपाना आसान हो जाता है.” साथ ही यह भी कहा गया कि चूंकि लेजर-आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली को गोला-बारूद की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उतार-चढ़ाव होगा.

DEW प्रणाली का उपयोग करने का एक अन्य लाभ यह है कि इसकी लागत प्रभावी है, क्योंकि इसमें आने वाली वस्तु पर जवाबी हमला करने के लिए मिसाइलों की आवश्यकता नहीं होती है. इस प्रणाली को संचालित करने के लिए कम परिचालन लागत और सीमित लोगों की जरूरत पड़ती है.

Iron Beam missile defence system | Courtesy: Rafael
आयरन बीम मिसाइल रक्षा प्रणाली | फोटो: Rafael

आयरन बीम एक हवाई लक्ष्य को नष्ट करने के लिए लेजर बीम उत्पन्न करने के लिए एक फाइबर लेजर का उपयोग करता है. इसकी बैटरी कथित तौर पर एक वायु रक्षा रडार, एक कमांड और नियंत्रण (C2) यूनिट और दो उच्च ऊर्जा लेजर (HEL) प्रणालियों से बनी है.

दो लेजर गन एक सेकंड में 100-150 किलोवाट बिजली पैदा कर सकती हैं.

इसके अलावा, सिस्टम की रेंज 7 किमी तक है और इसे दो हाई-ऊर्जा फाइबर ऑप्टिक लेजर के संपर्क में आने के चार सेकंड के भीतर एक लक्ष्य को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

2020 में, सिस्टम ने लक्ष्य पर हमला करने के कुछ सेकंड के भीतर मिसाइलों, यूएवी और मोर्टार गोले को तेजी से निष्क्रिय करते हुए 7 किमी की प्रभावी रेंज का प्रदर्शन किया. मीडिया में आई रिपोर्ट्स से यह भी पता चलता है कि ऊर्जा स्तर बढ़ाने की योजना पर भी काम चल रहा है.

इज़रायली रक्षा मंत्रालय के मिसाइल रक्षा विशेषज्ञ उजी रुबिन को द टेलीग्राफ ने यह कहते हुए उद्धृत किया कि “खत्म करने की लागत (आयरन बीम के लिए) काफी कम हो सकती है”. रुबिन ने बताया कि आयरन डोम द्वारा दागे गए इंटरसेप्टर के बजाय, जिसकी कीमत 60,000 डॉलर हो सकती है, एक लेजर बीम की लागत केवल कुछ डॉलर होती है.

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें: ‘आंख के बदले दो आंख, दांत के बदले जबड़ा तोड़ने’ की फिलॉसफी हल नहीं है, इजरायल मसले को राजनीति से सुलझाना होगा


 

share & View comments