पेशावर (पाकिस्तान), 30 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर पेशावर शहर में रविवार की प्रार्थना के बाद घर लौट रहे एक पादरी की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी और एक अन्य को घायल कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी और इसे ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताया।
पुलिस ने बताया कि पेशावर के गुलबहार इलाके में हुए हमले में बिशप विलियम सिराज को कई बार गोली मारी गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि फादर नईम पैट्रिक घायल हो गए। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और तलाश अभियान शुरू किया। अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रवेश और निकास द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
किसी भी संगठन ने तत्काल इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किए जा रहे आतंकवादी हमले में यह ताजा मामला है।
कैपिटल सिटी पुलिस के अधिकारी अब्बास अहसान ने कहा कि घटना में दो हमलावर शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में विस्तृत जांच शुरू की गई है।’’ अधिकारी ने इसे एक ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताया। अहसान ने कहा, ‘‘हम अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) और पेशावर पुलिस के अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है।
पुलिस ने कहा कि वे मोटरसाइकिलों पर भागे हमलावरों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘अपराध स्थल से साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है।’’
बयान के अनुसार, ‘‘विलियम सिराज चमकनी पुलिस थाना अंतर्गत एक गिरजाघर में पादरी थे।’’
बयान में कहा गया है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है, जबकि आगे की जांच जारी है। लेडी रीडिंग अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि घायल पादरी को मामूली चोट आई थी, उन्हें इलाज के बाद छुट्टी दे दी गयी है।
पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष और अंतरधार्मिक सद्भाव एवं पश्चिम एशिया के लिए प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि हाफिज मोहम्मद ताहिर महमूद अशरफी ने पादरी पर हमले की निंदा की। मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले की निंदा की है और पुलिस को हमलावरों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएंगे।
खान ने घायल फादर के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया। बिशप की हत्या के विरोध में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रिंग रोड जाम कर दिया। साल 2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। ईसाई समुदाय दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक है।
भाषा सुरभि रंजन
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