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Wednesday, 20 November, 2024
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फ्रांस ने अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया समझौते को ‘छल-कपट’ बताया

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुलाने के एक दिन बाद फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां ने कहा कि यह पीठ पीछे किया गया एक समझौता है जिसमें फ्रांस को धोखा दिया गया.

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पेरिस: फ्रांस के विदेश मंत्री ने अमेरिका से सौदा करने के लिए पनडुब्बी बनाने के पेरिस के साथ किए गए अनुबंध को अचानक रद्द करने के ऑस्ट्रेलिया के फैसले को ‘छल, उपेक्षा और झूठ’ बताते हुए शनिवार को इसकी निंदा की तथा पश्चिमी सहयोगियों के बीच जल्द संकट पैदा होने की आशंका व्यक्त की.

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुलाने के एक दिन बाद फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां ने कहा कि यह पीठ पीछे किया गया एक समझौता है जिसमें फ्रांस को धोखा दिया गया.

उन्होंने ‘फ्रांस 2’ टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि राजदूतों को वापस बुलाना फ्रांसिसी सरकार और वाशिंगटन तथा कैनबरा के बीच ‘आज संकट की गहरायी को दिखाता है.’ उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब फ्रांस ने सबसे पुराने सहयोगी अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुलाया है.

दरअसल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नया हिंद-प्रशांत सुरक्षा गठबंधन बनाने में फ्रांस को छोड़ दिया है.

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ की घोषणा की है. फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डॉलर का सौदा हुआ था. नई ऑकस पहल की शर्तों के तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए डीजल पनडुब्बियों के निर्माण का यह सौदा समाप्त हो जाएगा, जिससे फ्रांस नाखुश है.

लि द्रीयां ने उन खबरों को खारिज किया कि यह घोषणा करने से पहले फ्रांस से विचार-विमर्श किया गया था. उन्होंने कहा, ‘यह सच नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘सहयोगी फ्रांस जैसे प्रमुख साझेदार के साथ इतनी क्रूरता, इतनी अनिश्चितता के साथ व्यवहार नहीं करते….सच में संकट की स्थिति है. हमारे पास अपने गठबंधन की क्षमता पर सवाल उठाने की वजहें हैं.’

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में फ्रांस के राजदूत ज्यां पियरे थेबॉल्ट ने इस फैसले को एक ‘बड़ी गलती’ बताया था. कैनबरा से रवाना होने से पहले थेबॉल्ट ने कहा था, ‘यह एक बहुत बड़ी गलती हुई है, साझेदारी का एक बेहद खराब प्रबंधन.’

उन्होंने कहा कि पेरिस और कैनबरा के बीच अस्त्र समझौता ‘विश्वास, आपसी समझ और ईमानदारी पर आधारित’ माना जाता था.


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