(सारा फिलिप्स, मेलबर्न)
मेलबर्न, 18 जनवरी (360 इन्फो) ‘फायर-अ वेरी शॉर्ट इंट्रोडक्शन’ के लेखक एवं रॉयल होलोवे यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के विशिष्ट अनुसंधान प्राध्यापक एंड्र्यू सी स्कॉट ने कहा था, “आग का अस्तित्व मनुष्यों से पहले का है और तब भी रहेगा जब धरती पर से हम सब जा चुके होंगे।”
जब मनुष्यों ने आग को नियंत्रित करना सीखा, संभवत: चार लाख वर्ष पहले, उस वक्त यह गर्माहट देने, शिकारियों से सुरक्षा देने और भोजन एवं उपकरण तैयार करने का एक तरीका बन गया था। एरिजोना स्टेट के अनुसंधानकर्ता स्टीफन जे पायने की ‘द पायरोसीन’ में कहा गया कि मनुष्य ने एक ऐसी अवधि में प्रवेश किया, जिसमें मनुष्यों की गतिविधि चारकोल तलछट में भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड में अंकित है। आग अपने चारों ओर मनुष्य को एक साथ लेकर आई, जिससे भाषा और संस्कृति को फलने-फूलने का मौका मिला। मानवता का विकास आग से उत्प्रेरित हुआ।
लेकिन जैसे-जैसे मनुष्य बड़े कस्बों और शहरों में बस गए, खुली आग की जगह कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्रो ने ले ली। दहन तब भी मौजूद था, लेकिन उतना महसूस नहीं किया गया था। जल्द ही लोगों ने आग पर तब ध्यान दिया जब आग ने घरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। आग एक भयानक शक्ति बन गई जिसे जल्द से जल्द बुझाने की जद्दोजहद रहती है।
लेकिन सबूत बताते हैं कि कई मामलों में, छोटे पैमाने पर जलाने से बड़ी आग को रोका जा सकता है, और कुछ पारिस्थितिक तंत्रों के लिए फायदेमंद हो सकती है। स्वदेशी संस्कृतियों में संरक्षित ज्ञान का प्रयोग, आग के साथ अधिक संतुलित संबंध के लिए एक मार्ग रहा है।
स्कॉट ने कहा, “भविष्य में इंसानों को आग से निपटने के लिए, हमें इस ग्रह पर 40 करोड़ साल से अधिक वर्षों की आग से सबक लेने की जरूरत है। हम आग को कभी भी ‘वश में’ नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम इस आवश्यक भौगोलिक प्रक्रिया के साथ और उसके आसपास काम करना सीख सकते हैं।
वास्तविकता की जांच
जंगलों में लगने वाली आग से 2021 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था को 10.6 अरब डॉलर और 2020 में 17.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
वैश्विक स्तर पर, जंगल की आग से निकलने वाला धुआं हर साल खराब वायु गुणवत्ता के कारण समय से पहले होने वाली 33 लाख मौत में से पांच से आठ प्रतिशत मौत के लिए जिम्मेदार होता है।
जंगल की आग से जली जमीनों की मात्रा हर साल घट रही है हालांकि अग्निशमन की कीमत बढ़ती जा रही है।
जिस मौसम के चलते ऑस्ट्रेलिया में 2019/ 20 की विनाशकारी जंगल की आग लगी थी उसके जलवायु परिवर्तन से 30 प्रतिशत अधिक होने की आशंका थी।
बड़े विचार
अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के अवकाश प्राप्त प्राध्यापक स्टीफन पायने के उद्धरणों के मुताबिक, “अक्सर प्राकृतिक आपदा समझी जाने वाली, शायद आग बवंडर की तुलना में कोविड-19 का ज्यादा अनुकरण करती है। अगर ऐसा है तो यह भौतिक स्थितियों के साथ ही जैविक के प्रति ज्यादा प्रतिक्रिया करती है।”
उनके मुताबिक, “यह ऐसा है जैसे हिमयुग की दुनिया सामान्य से आगे निकल चुकी है और बर्फ की जगह आग ने ले ली है।”
स्कॉट के उद्धरण के मुताबिक, “पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां आग का अस्तित्व है क्योंकि पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसके पास इसे भड़काने के लिए पौधे हैं। अग्नि पृथ्वी पर जीवन की अभिव्यक्ति है और जीवन के इतिहास की सूचक है।”
360 इन्फो डॉट ऑर्ग
नेहा प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.