(अदिति खन्ना)
लंदन, 25 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण देने के देश के इतिहास को पश्चिम के लिए किया गया ‘गंदा काम’ मानते हुए कहा कि इस गलती के लिए पाकिस्तान को भुगतना पड़ा है।
स्काई न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, समाचार प्रस्तुतकर्ता यल्दा हकीम ने इस सप्ताह की शुरुआत में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और रुख पर आसिफ से सवाल किया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
हकीम ने पूछा, ‘‘आप (क्या) स्वीकार करते हैं, श्रीमान् कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण देने और वित्त पोषण का लंबा इतिहास रहा है।’’
आसिफ ने जवाब दिया, ‘‘ठीक है, हम लगभग तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह एक गलती थी, और हमने उसे भुगता है, और इसलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं हुए होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड (पिछला इतिहास)… एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना बड़ी शक्तियों के लिए बहुत सुविधाजनक है। जब हम 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ रहे थे, तब आज के ये सभी आतंकवादी वाशिंगटन में मौज-मस्ती कर रहे थे।’’
आसिफ ने कहा, ‘‘और फिर 9/11 का हमला हुआ। फिर से वही स्थिति दोहराई गई। मुझे लगता है कि तब हमारी सरकारों ने गलती की थी।’’
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उस समय पाकिस्तान को ‘प्रॉक्सी (मुखौटे)’ के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
मंत्री से पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान पर दोष मढ़े जाने के बारे में और हमले की जिम्मेदारी लेने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी)से जुड़े होने के बारे में पूछा गया था।
आसिफ ने कहा, ‘‘लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है। यह विलुप्त हो चुका है। यदि मूल संगठन मौजूद नहीं है, तो यहां शाखा कैसे जन्म ले सकती है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को पहलगाम आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप तनाव बढ़ने का डर है, मंत्री ने कहा कि देश ‘‘उसी तरह’’ जवाब देने के लिए तैयार है।
उन्होंने वर्चुअल साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम भारत की किसी भी पहल पर अपनी प्रतिक्रिया को उसी के अनुसार रखेंगे। यह एक सोचा-समझा जवाब होगा। अगर कोई चौतरफा हमला या ऐसा कुछ होता है, तो जाहिर है कि पूरी तरह युद्ध होगा।’’
पहलगाम में मंगलवार दोपहर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला था।
पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
भाषा वैभव माधव
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