नई दिल्ली: इजराइल-हमास संघर्ष के दो सप्ताह का आंकड़ा पार कर जाने, हजारों नागरिकों के मारे जाने और कई लोगों के बुनियादी जरूरी चीजों से वंचित होने के बीच, भारत ने रविवार को गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजी है.
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रविवार को कहा कि 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गई है.
बागची ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता उपयोगिताएं, जल शुद्धिकरण टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं.”
🇮🇳 sends Humanitarian aid to the people of 🇵🇸!
An IAF C-17 flight carrying nearly 6.5 tonnes of medical aid and 32 tonnes of disaster relief material for the people of Palestine departs for El-Arish airport in Egypt.
The material includes essential life-saving medicines,… pic.twitter.com/28XI6992Ph
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 22, 2023
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में फिलिस्तीन राज्य और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की थी और फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता भेजने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई थी.
Spoke to the President of the Palestinian Authority H.E. Mahmoud Abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilian lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinian people. Shared our deep concern at the terrorism,…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2023
उन्होंने क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की. उन्होंने इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.
Spoke to the President of the Palestinian Authority H.E. Mahmoud Abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilian lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinian people. Shared our deep concern at the terrorism,…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2023
यह घटनाक्रम इज़रायल और फ़िलिस्तीन दोनों के साथ भारत के विकसित होते रिश्तों के बीच आया है. भारत 1947 में तत्कालीन फिलिस्तीन के विभाजन के खिलाफ और 1949 में संयुक्त राष्ट्र में इजरायल को शामिल करने के खिलाफ मतदान करने से लेकर दुनिया में इजरायल के सैन्य हार्डवेयर के सबसे बड़े खरीदारों में से एक बन गया है.
इससे पहले 10 अक्टूबर को पीएम मोदी ने कहा था कि भारत के लोग इजरायल के साथ “मजबूती से खड़े” हैं. सामने आ रही स्थिति के बारे में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात करते हुए, उन्होंने 7 अक्टूबर के हमास आतंकवादी हमले की निंदा की, जिसमें गाजा सीमा के पास नागरिकों के साथ-साथ एक संगीत समारोह को भी निशाना बनाया गया था.
संघर्ष के आलोक में, विदेश मंत्रालय ने “स्थिति की निगरानी करने और जानकारी और सहायता प्रदान करने” के लिए तेल अवीव में भारतीय दूतावास और रामल्लाह में प्रतिनिधि कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की भी घोषणा की थी.
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