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Friday, 29 March, 2024
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कौन हैं अमेरिकी डिप्टी NSA दलीप सिंह, जिन्होंने रूस को लेकर भारत को चेतावनी दी

दलीप सिंह, पहले किसी एशियाई व्यक्ति के पोते हैं जो अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुने गए हैं. मैरीलैंड के एक सिख परिवार में जन्मे दलीप ओबामा प्रशासन का भी हिस्सा थे.

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नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र संबंधी विषयों के लिए अमेरिका के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) दलीप सिंह, जो रूस के खिलाफ वाशिंगटन डीसी के आर्थिक प्रतिबंधों के एक प्रमुख रचियता में से एक हैं, ने गुरुवार को भारत में उस समय एक विवाद पैदा कर दिया, जब उन्होंने भारत को मास्को के साथ संबंध और आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया.

उन्होंने यह टिप्पणी बुधवार से शुरू हुई उनकी नई दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा के दौरान और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत की राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने से कुछ ही घंटे पहले की.

न्यूज़ चैनल सीएनएन-न्यूज़18 के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना नहीं है कि यदि चीन फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करता है तो रूस भारत की रक्षा में आगे आएगा.

उन्होंने कहा, ‘जितना अधिक रूस चीन का कनिष्ठ साझेदार (जूनियर पार्टनर) बनता जायेगा, रूस पर चीन जितना अधिक लीवरेज होगा, वह भारत की ‘रणनीतिक स्थिति’ के लिए उतना ही कम अनुकूल होता जायेगा. क्या किसी को लगता है कि अगर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का फिर से उल्लंघन करता है, तो रूस अब भारत के बचाव में आएगा? मुझे तो नहीं लगता.’

इस पर, भू-रणनीतिज्ञ (जियोस्ट्रैटिजिस्ट) और नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में रणनीतिक अध्ययन (स्ट्रेटेजिक स्टडीज) के प्रोफेसर ब्रह्म चेलानी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि एलएसी पर चीनी आक्रमण लगभग दो वर्षों से चल रहा था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की.

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गुरुवार को नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए दलीप सिंह ने आगाह किया था कि मॉस्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को ‘नाकाम’ करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने वाले देशों को इसके परिणाम झेलने होंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत द्वारा रूस से ऊर्जा उत्पादों और एवं वस्तुओं के आयात में ‘तेजी से’ वृद्धि होते देखना नहीं चाहेगा.

सिंह अमेरिका के एक प्रतिष्ठित सिख परिवार से रिश्ता रखते हैं और अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुने जाने वाले पहले किसी एशियाई-अमेरिकी व्यक्ति के पोते हैं. 47 वर्षीय सिंह, जिन्हें पिछले साल फरवरी में बाइडन प्रशासन द्वारा नियुक्त किया गया था, पहले बराक ओबामा प्रशासन का भी हिस्सा रहे हैं जिसमें बाइडन उपराष्ट्रपति के पद पर थे.


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पहले एशियाई अमेरिकी कांग्रेसी के पोते

दलीप सिंह का जन्म मैरीलैंड प्रांत के ओल्नी शहर में एक सिख परिवार में हुआ था और उनका पालन-पोषण नार्थ कैरोलिना प्रांत में हुआ था. पिछले जून में व्हाइट हाउस के लिए एक ऑप-एड में उन्होंने लिखा था, ‘मेरे माता-पिता 1970 के दशक में ही भारत छोड़कर अमेरिका चले आये थे. मैं मैरीलैंड में पैदा हुआ था, उसके बाद मैनें शिकागो में कुछ साल बिताए और जब मैं लगभग सात साल का था तब नार्थ कैरोलिना में बस गया.‘

उन्होंने इस बारे में भी विस्तार से बताया कि कैसे उनके पिता, जो एक पगड़ीधारी सिख थे, को उनके बॉस ने एक बार कहा था कि अगर वह अपनी नौकरी बरकरार रखना चाहते हैं, तो उन्हें स्थानीय लोगों के साथ बेहतर तरीके से घुल-मिल जाने की आवश्यकता होगी. ‘तो मेरे पिता ने यही किया- उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अपनी पहचान का एक हिस्सा कुर्बान कर दिया.’

सिंह ने अपनी स्नातक की डिग्री ड्यूक यूनिवर्सिटी से ली और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) और हार्वर्ड से अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए एमबीए/एमपीए की डिग्री हासिल की.

सिंह के परिवार की जड़ें राजनीति के साथ गहराई से जुड़ी हैं. उनके चचेरे दादा, दलीप सिंह सौंड, अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुने जाने वाले पहले एशियाई-अमेरिकी व्यक्ति थे. सौंड ने 1957 से 1963 तक कैलिफोर्निया से अमेरिकी हाउस में रेप्रेजेंटेटिव के रूप में कार्य किया और उनके सहकर्मियों और साथियों द्वारा उन्हें लोकप्रिय रूप से ‘जज’ का उपनाम दिया गया था .

पंजाब के छज्जलवड्डी के रहने वाले सौंड पहली बार 1920 में अमेरिका पहुंचे थे और उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के कृषि स्कूल और गणित विभाग में पढ़ाई की थी .

लॉस एंजिल्स में, वह अपनी पत्नी, मैरियन कोसा से मिले और 1949 में अमेरिकी नागरिक बन गए. यह नागरिकत इंपीरियल काउंटी डेमोक्रेटिक सेंट्रल कमेटी के लिए उनके टिकट जैसा था, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय चुनावों से लेकर अमेरिकी कांग्रेस के लिए होने वाले चुनाव की रेस में भी भाग लेना शुरू कर दिया.


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राजनीति, शिक्षा जगत और निजी क्षेत्र

फरवरी 2021 में दलीप सिंह को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल) में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) और बाइडन प्रशासन के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का उप निदेशक (डिप्टी डायरेक्टर ऑफ द नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल) नियुक्त किया गया था.

इससे पहले, फरवरी 2020 में वह न्यूयॉर्क के फेडरल रिजर्व बैंक में शामिल हो गए थे और उन्होंने इसके एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य के रूप में भी काम किया. न्यूयॉर्क फेड में उन्होंने मार्केट्स ग्रुप के प्रमुख के रूप में कार्य किया जिसमें बैंक के लिए नीति, रणनीति और अन्य ऑपरेशंस के साथ विश्लेषणात्मक कार्य भी शामिल थे.

जो बाइडन द्वारा कई प्रशासनिक पदों के लिए पसंद किये गए लोगों की तरह ही सिंह भी ओबामा प्रशासन का हिस्सा थे. उन्होंने 2011 से 2017 तक यूएस ट्रेजरी में वित्तीय बाजारों के लिए एक्टिंग असिस्टेंट सेक्रेटरी और अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में काम किया.

राजनीति के अलावा, सिंह ने निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत में भो कई पदों पर काम किया है. उदाहरण के लिए, वह एक वैश्विक निवेश फर्म एसपीएक्स इंटरनेशनल के मुख्य अमेरिकी अर्थशास्त्री (चीफ यूएस इकोनॉमिस्ट) थे और फिर थोड़े समय के लिए वे अटलांटिक काउंसिल के साथ एक अनिवासी सीनियर फेलो और साथ ही जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में असिस्टेंट लेक्चरर भी थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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