वाशिंगटन: अमेरिका अभी तक भारत से अपने 1,300 नागरिक वापस ला चुका है लेकिन विश्व में कोरोनावायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में सामने आने के बाद अब बाकी नागरिकों को यहां लौटने से डर लग रहा है.
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की कार्यकारी सहायक मंत्री एलिस जी. वेल्स ने कहा, ‘कल रात तक करीब 1,300 अमेरिकी नागरिकों को वापस लाया गया था और पांच अतिरिक्त विमान इस सप्ताह भारत जाएंगे. कितने अमेरिकियों को देश वापस आने में मदद चाहिए इसका सटीक आंकड़ा बता पाना मुश्किल है. अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास में 7,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है.’
वेल्स ने इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों के चलते ही अमेरिकी वापस आने से घबरा रहे हैं या नहीं.
अमेरिका में सोमवार तक संक्रमित लोगों की संख्या 3,60,000 के पार हो गई थी वहीं 10,000 से अधिक लोग इससे जान गंवा चुके थे.
वेल्स ने कहा कि भारत में मौजूद अमेरिकियों को निर्णय लेने की जरूरत है.
कोरोनावायरस पर व्हाइट हाउस के कार्यबल के सदस्यों ने कोविड-19 से अमेरिका में अगले कुछ सप्ताह में एक से दो लाख लोगों के मारे जाने की आशंका जतायी है.
दूतावास संबंधी मामलों के लिए प्रधान उपसहायक विदेश मंत्री ईयान ब्राउनली ने बताया कि भारत में मौजूद कई अमेरिकियों ने अपना लौटने का आवेदन वापस ले लिया है जबकि अमेरिकी सरकार ने उनके विमान का बंदोबस्त भी कर दिया था.
ब्राउनली ने कहा, ‘जब हमने वापस आने के लिए इच्छुक लोगों के बारे में पूछा था तो कई लोग सामने आए थे लेकिन इस सप्ताह अंत में जब भारत में हमारे कर्मियों ने करीब 800 लोगों को फोन किया तो केवल 10 ने ही वापस आने की इच्छा जाहिर की.’
अमेरिका 29 जनवरी से अभी तक पेरू, भारत, मिस्र, नेपाल और बुरुंडी सहित कई देशों से अपने 43,000 नागरिक देश वापस ला चुका है.
ब्राउनली ने कहा कि दुनियाभर में अमेरिका की 80 से अधिक उड़ान सेवाओं पर काम जारी है.
इनमें से, दक्षिण और मध्य एशिया से अमेरिका ने 13 उड़ानों का बंदोबस्त किया, जिनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के लगभग 2,900 अमेरिकी नागरिकों के लिए चलाई गईं विशेष उड़ानें शामिल हैं.