लाहौर, 17 मार्च (भाषा) पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पिछले साल दिसंबर में पंजाब प्रांत में एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या मामले में कथित रूप से शामिल नौ किशोर आरोपियों की सुनवाई को बृहस्पतिवार को अलग कर दिया।
अदालत ने देश भर में आक्रोश पैदा करने वाली इस बर्बर घटना में भूमिका को लेकर पिछले हफ्ते 89 आरोपियों को अभ्यारोपित किया था।
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी – तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के समर्थकों सहित भीड़ ने तीन दिसंबर, 2021 को एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोप में उसके 47 वर्षीय महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद उसके शरीर को जला दिया था। यह घटना लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिला में हुयी थी।
अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘अदालत ने अभियोजन पक्ष को नौ नाबालिग संदिग्धों का अलग से चालान करने का निर्देश दिया है। उनकी सुनवाई अलग से होगी।’
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने शेष 80 आरोपियों के लिए मौत की सजा का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह सुनवाई शुरू होने के बाद से अब तक 30 से अधिक आरोपियों ने अदालत के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं।
न्यायाधीश नताशा नसीम की अदालत लाहौर की कोट लखपत जेल में प्रतिदिन बंद कमरे में मुकदमे की सुनवाई कर रही है। अभियोजन पक्ष ने 40 गवाहों की सूची, संदिग्धों के वीडियो, डीएनए और फोरेंसिक सबूत सौंपे हैं। आरोपियों ने अपराध में अपनी संलिप्तता के आरोपों से इनकार किया है।
भाषा अविनाश अनूप
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