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Friday, 17 May, 2024
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सीओपी28 ने अनुकूलन प्रयासों पर मार्गदर्शन करने के लिए अहम दस्तावेज जारी किया

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(गौरव सैनी)

दुबई, 10 दिसंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के यहां खत्म होने से महज दो दिन पहले वार्ताकारों ने रविवार को एक मसौदा दस्तावेज जारी किया जिसमें देशों का जलवायु परिवर्तन से निपटने के अनुकूल प्रयासों और सामूहिक प्रगति पर नजर रखने के लिए मार्गदर्शन किया गया है।

वर्ष 2015 में पेश पेरिस समझौते ने अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य (जीजीए) की अवधारणा पेश की जो वैश्विक शमन लक्ष्य के समानांतर है जिसका उद्देश्य वैश्विक ताप वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक (1850-1900) काल के स्तर के मुकाबले 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है।

मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में अनुकूलन के लिए आवश्यक वित्त पोषण ‘‘अपर्याप्त’’ है लेकिन इसमें अनुकूलन के लिए उपलब्ध निधि और आवश्यक वित्तीय समर्थन के बीच अंतर का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

पिछले महीने जारी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों को जलवायु अनूकूलन के लिए हर साल 215-387 अरब डॉलर की आवश्यकता है।

वित्त पोषण की इस कमी ने जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित गरीब और विकासशील देशों के बीच निराशा पैदा कर दी है।

जाम्बिया के पर्यावरण मंत्री कॉलिन्स नोजू ने शनिवार को अफ्रीकी समूह की ओर से कहा कि अनुकूलन अफ्रीका के लिए अस्तित्व का विषय है और अनुकूलन के वैश्विक लक्ष्य पर एक समझौता जलवायु वार्ता सम्मेलन (सीओपी28) से अफ्रीका के लिए सबसे महत्वपूर्ण नतीजा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सूखा, तूफान और समुद्र का बढ़ता जल स्तर हमारी जिंदगी और आजीविका के लिए खतरा है। अनुकूलन अंतर रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर सोच से कहीं ज्यादा है। हमें अनुकूलन अंतर खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।’’

‘क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल’ में वैश्विक राजनीतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह ने विशिष्ट अनुकूलन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विकासशील देशों के वास्ते समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भाषा गोला नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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