बर्मिंघम: भारत को राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में मंगलवार को यहां मलेशिया के खिलाफ 1-3 की हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
इस मुकाबले में भारत के एकल खिलाड़ियों और मलेशिया की युगल जोड़ियों पर नजरें थी. भारत के एकल खिलाड़ी हालांकि अपने से कम रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे भारत स्वर्ण पदक जीतने से चूक गया. दूसरी तरफ मलेशिया की युगल जोड़ियां उम्मीद पर खरी उतरीं.
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी सबसे पहले कोर्ट पर उतरी. इस जोड़ी को हालांकि दुनिया की छठे नंबर की टेंग फोंग आरोन चिया और वूई यिक सोह की जोड़ी के खिलाफ 18-21, 15-21 से हार झेलनी पड़ी.
भारत को दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधू से वापसी दिलाने की उम्मीद थी. पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने भारत को बराबरी तो दिला दी लेकिन महिला एकल में वह बिलकुल बेरंग नजर आई और उन्हें दुनिया की 60वें नंबर की खिलाड़ी जिन वेई गोह को 22-20, 17-21 से हराने के दौरान काफी जूझना पड़ा.
दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने निराश किया. उन्होंने दुनिया के 42वें नंबर के खिलाड़ी एनजी टीजे योंग के खिलाफ पहला गेम 19-21 से गंवा दिया लेकिन अगले गेम में वापसी करते हुए 21-6 की एकतरफा जीत दर्ज की.
श्रीकांत हालांकि तीसरे और निर्णायक गेम में लय कायम रखने में नाकाम रहे और 16-21 से हार गए जिससे भारत 1-2 से पिछड़ गया.
कूंग ली पियर्ली टेन और मुरलीधरन थिन्नाह की दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी ने इसके बाद महिला युगल में त्रीशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की 38वें नंबर की जोड़ी को 21-18, 21-17 से हराकर स्वर्ण पदक मलेशिया की झोली में डाल दिया.
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