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Wednesday, 17 December, 2025
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चीन ने अपने अंतरिक्ष केंद्र के पहले लैब मॉड्यूल का सफल प्रक्षेपण किया

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(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 24 जुलाई (भाषा) चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लैब मॉड्यूल का रविवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।

यह इस साल के अंत तक देश के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण पूरा करने की दिशा में नया कदम है।

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) के अनुसार, दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान के तट पर स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से ‘वेन्तियान’ को लेकर ‘लॉन्ग मार्च-5बी वाई3’ रॉकेट रवाना हुआ।

नया मॉड्यूल मूल मॉड्यूल के काम न करने की स्थिति में उसकी जगह काम करेगा और साथ ही तियानगोंग अंतरिक्ष केंद्र में शक्तिशाली वैज्ञानिक प्रयोगशाला के तौर पर भी काम करेगा। चीन अभी इस अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण कर रहा है।

सरकारी ‘पीपुल्स डेली’ अखबार की खबर के मुताबिक, चीन लैब मॉड्यूल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने के साथ ही अपने अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण जल्द ही पूरा करने वाला है।

चीन के ‘तियानगोंग’ अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण इस साल तक पूरा होने की संभावना है।

इसके बाद यह एकल मॉड्यूल संरचना से तीन मॉड्यूल वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला में बदल जाएगा। इनमें मूल मॉड्यूल तिआन्हे और दो लैब मॉड्यूल वेन्तियान और मेंग्तियान शामिल हैं।

सरकारी ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी ने बताया कि तिआन्हे मॉड्यूल को अप्रैल 2021 में भेजा गया था और मेंग्तियान मॉड्यूल इस साल अक्टूबर में भेजा जाना है।

सीएमएसए ने बताया कि अगले कुछ घंटों में वेन्तियान अपने निर्धारित स्थान पर पहुंच जाएगा और तियानगोंग स्टेशन के तियान्हे मूल मॉड्यूल के साथ काम करने लगेगा। इसके बाद मिशन के तीन सदस्य लैब मॉड्यूल की स्थिति और आंतरिक उपकरणों की जांच करने के लिए उसमें प्रवेश करेंगे।

चीन का यह अंतरिक्ष केंद्र दुनिया में किसी भी देश का अपना पहला अंतरिक्ष केंद्र होगा। रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) कई देशों की सामूहिक परियोजना है। चीन का अंतरिक्ष केंद्र (सीएसएस) रूस द्वारा बनाए आईएसएस का प्रतिस्पर्धी भी हो सकता है।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि आगामी वर्षों में आईएसएस के सेवानिवृत्त होने पर सीएसएस अंतरिक्ष में एकमात्र अंतरिक्ष केंद्र बन सकता है।

चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष केंद्र की अहम बात इसकी दो रोबोटिक शाखाएं हैं, जो अंतरिक्ष से उपग्रहों समेत अन्य वस्तुओं को खींचने की क्षमता रखती हैं। इसे लेकर अमेरिका ने पहले ही चिंता व्यक्त की है।

भाषा गोला अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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