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Wednesday, 22 May, 2024
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अमेरिका को पीछे छोड़ राजनयिक मिशनों के मामले में आगे निकला चीन : अध्ययन

अध्ययन के मुताबिक भारत 123 दूतावासों, उच्चायोगों, 54 वाणिज्य दूतावासों और पांच स्थायी तथा चार अन्य मिशनों के साथ 12वें स्थान पर है.

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बीजिंग: चीन ने दुनियाभर में राजनयिक मिशनों के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और वह पहले स्थान पर पहुंच गया है. इस तरह, अब चीन का पूरी दुनिया में सबसे बड़ा राजनयिक नेटवर्क हो गया है. वहीं, एशियाई देशों के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है.

अध्ययन के मुताबिक भारत 123 दूतावासों, उच्चायोगों, 54 वाणिज्य दूतावासों और पांच स्थायी तथा चार अन्य मिशनों के साथ 12वें स्थान पर है.

हालांकि, एशियाई देशों की बात करें तो भारत, चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर है.

अध्ययन में कहा गया है कि बीजिंग ने विश्वभर में संपर्क स्थापित करने की अपनी कोशिशों के तहत यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.

सिडनी स्थित लोवी संस्थान के अनुसार 2019 में चीन के दुनियाभर में कुल 276 राजनयिक केन्द्र हैं, जो अमेरिका से तीन केन्द्र ज्यादा है.

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चीन के दुनियाभर में 169 दूतावास, 96 वाणिज्य दूतावास, आठ स्थायी मिशन और तीन अन्य मिशन हैं.

वहीं, अमेरिका के दुनियाभर में 168 दूतावास, 88 वाणिज्य दूतावास, नौ स्थायी और आठ अन्य मिशन हैं.

चीन इस मामले में 2016 में अमेरिका और फ्रांस के बाद तीसरे स्थान पर था. 2017 में वह दूसरे स्थान पर आ गया. 2018 में इससे संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं आई.

दुनियाभर में चौथे स्थान पर मौजूद जापान के 151 दूतावास, 61 वाणिज्य दूतावास, दस स्थायी और 21 अन्य मिशन हैं.

वहीं 85 दूतावासों और उच्चायोगों, 30 वाणिज्य दूतावासों और दो स्थायी मिशनों के साथ पाकिस्तान 28वें स्थान पर है. एशिया में उसका छठा स्थान है.

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