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Thursday, 21 November, 2024
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बाइडन-पुतिन ने साइबर सुरक्षा और परमाणु हथियार के मुद्दे पर की बात, युद्ध का खतरा कम करना मकसद

बाइडन और पुतिन ने अपने राजनयिकों को परमाणु हथियारों के नियंत्रण के नए चरण के लिए रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए.

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वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के उनके समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने जिनेवा में बुधवार को तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में साइबर सुरक्षा और परमाणु हथियारों के मुद्दे पर चर्चा की.

बाइडन और पुतिन ने अपने राजनयिकों को परमाणु हथियारों के नियंत्रण के नए चरण के लिए रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए. ‘सामरिक स्थिरता संवाद’ का उद्देश्य दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध का खतरा कम करना है. बहरहाल वार्ता शुरू करने के लिए कोई तारीख की घोषणा नहीं की गई.

बाइडन ने कहा कि इसका उद्देश्य रूस के साथ एक ऐसे तंत्र पर काम करना है जिससे नए और खतरनाक तथा आधुनिक हथियारों को नियंत्रित किया जा सके. इन हथियारों से जवाबी कार्रवाई का वक्त कम हो जाता है जिससे दुर्घटनावश युद्ध शुरू होने की आशंका पैदा हो जाती है. उन्होंने कहा कि इस पर विस्तार से बात की गयी. वार्ता शुरू करने के लिए किसी तारीख की कोई घोषणा नहीं हुई.

पुतिन ने कहा कि वह और बाइडन परमाणु हथियारों को सीमित करने वाली नयी ‘स्टार्ट’ संधि के 2026 में समाप्त होने के बाद इसे संभावित रूप से बदलने को लेकर वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए.

रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा करने और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों के समर्थन के जवाब में वाशिंगटन ने 2014 में मास्को के साथ वार्ता रोक दी थी. 2017 में वार्ता फिर शुरू हुई, लेकिन ट्रम्प प्रशासन के दौरान नयी ‘स्टार्ट’ संधि को विस्तार देने में सफलता नहीं मिली.

रूस ने इस पर जोर दिया कि इसमें रक्षात्मक हथियार भी शामिल हों जैसे कि अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणालियां. अमेरिकियों ने दलील दी कि इसमें तथाकथित सामरिक परमाणु हथियार शामिल होने चाहिए जिनका जिक्र स्टार्ट संधि में नहीं है और जिसे रूस ने बड़ी संख्या में तैनात किया है. इसमें हाइपरसोनिक मिसाइल और अंतरिक्ष हथियार जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां भी शामिल हो सकती हैं.

साइबर सुरक्षा के मसले पर कोई बड़ी घोषणा तो नहीं हुई लेकिन नेता इस मुद्दे पर कम से कम बात करने के लिए राजी हो गए जो अमेरिका और रूस के बीच संघर्ष की मुख्य जड़ है.

बाइडन ने कहा कि वह और पुतिन अपने विशेषज्ञों के इस पर काम करने देने के लिए राजी हो गए कि साइबर हमलों को रोकने के लिए किस तरह के अहम बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस के समक्ष ऊर्जा, चुनाव, बैंकिंग और जल प्रणालियों तथा रक्षा उद्योग के 16 विशिष्ट तरह के बुनियादी ढांचे पेश किए.

अमेरिका के उद्योगों और सरकारी एजेंसियों के खिलाफ कई रैन्समवेयर हमलों के बीच यह समझौता हुआ है. इनमें से एक हमला मई में हुआ था जिससे करीब एक हफ्ते के लिए पूर्वी तट पर ईंधन की आपूर्ति बाधित हो गयी थी. इस बाधा को रूस में काम कर रहे एक आपराधिक गिरोह की हरकत बताया गया था.

बाइडन ने रूस से साइबर अपराधियों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका और रूस की सरकारें कुछ आपराधिक मामलों पर काम करेंगी. पुतिन ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यह परस्पर हित का मामला है. बाइडन ने रूस को परोक्ष धमकी देते हुए कहा कि अमेरिका के पास अच्छी-खासी साइबर क्षमता है और अगर रूस अमेरिका के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में दखल देता है तो वह रूस के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर सकता है.

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