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Sunday, 23 November, 2025
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए पत्र भेजा

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ढाका, 23 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को एक ‘आधिकारिक पत्र’ भेजकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। एक वरिष्ठ सलाहकार ने रविवार को यह जानकारी दी।

हसीना को बांग्लादेश के विशेष न्यायाधिकरण ने मौत की सजा सुनाई है।

सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के हवाले से बताया, ‘यह पत्र शुक्रवार को भेजा गया।’

हालांकि उन्होंने इस बारे में और ज्यादा विवरण नहीं दिया।

विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक सूत्र का हवाला देते हुए एजेंसी ने कहा कि आधिकारिक राजनयिक पत्र नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के माध्यम से भेजा गया।

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 17 नवंबर को हसीना (78) और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के आरोप में मृत्युदंड सुनाया था। दोनों पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया। हसीना फिलहाल भारत में हैं। माना जा रहा है कि कमाल भी भारत में है।

छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले साल पांच अगस्त को हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई थी।

हसीना और दो अन्य पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए क्रूर तरीके अपनाने का आरोप लगाया गया, वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।

अंतरिम सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए एक राजनयिक पत्र भेजा था। उस वक्त भारत ने केवल इसकी प्राप्ति की बात स्वीकार की थी और कोई और टिप्पणी नहीं की थी।

हालांकि, पिछले सप्ताह न्यायाधिकरण का फैसला आने के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में ‘बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ द्वारा सुनाए गए फैसले पर गौर किया है।’

बयान में कहा गया, ‘करीबी पड़ोसी होने के नाते भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है। हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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