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Saturday, 4 May, 2024
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यादों को सहेज कर रखते हैं जीवाणु और पीढ़ियों को आगे बढ़ाते हैं : अध्ययन

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(सीमा हाकू काचरू)

ह्यूस्टन, 27 नवंबर (भाषा) बैक्टीरिया यानि जीवाणु ऐसी यादों की रचना कर सकते हैं कि कब ऐसी रणनीतियां बनाई जाएं, जो लोगों में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध जैसे खतरनाक संक्रमण पैदा कर सकती हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया है।

अमेरिका के ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने कहा कि ये रणनीतियां जीवाणु को एक ऐसी समूह की रचना में भी मदद करती हैं, जहां लाखों की तादाद में इस तरह के सूक्ष्मजीव एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं।

जर्नल प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित निष्कर्षों में बैक्टीरियाल संक्रमण से लड़ने व उन्हें रोकने और एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया की समस्या को हल करने की क्षमता दिखाई देती है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह खोज एक ऐसे सामान्य रासायनिक तत्व से जुड़ी हुई है, जिसका उपयोग जीवाणु कोशिकाएं यादों को बनाने और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए कर सकती हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि ई. कोली नाम का जीवाणु अलग-अलग व्यवहारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए आयरन के स्तर को एक तरीके के रूप में उपयोग करते हैं, जो कुछ विशिष्ट प्रकार की उत्तेजना होने पर सक्रिय हो जाते हैं।

अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता सौविक भट्टाचार्य ने कहा, ”जीवाणु का दिमाग नहीं होता लेकिन वे अपने अनुकूल माहौल से जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं और अगर वे बार-बार उस माहौल के संपर्क में आते रहेंगे तो वे जानकारियां संग्रहित कर सकते हैं और अपने फायदे के लिए बाद में उस तक आसानी से पहुंच बना सकते हैं।”

शोधकर्ताओं ने चिन्हित किया कि इन सबकी वजह आयरन ही है, जो पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में मौजूद तत्वों में से एक है। हर बैक्टीरिया में आयरन का स्तर अलग-अलग होता है। उन्होंने पाया कि जिन जीवाणु में आयरन का स्तर निम्न था उनमें समूह में रहने की प्रवृति दूसरे जीवाणुओं के मुकाबले ज्यादा बेहतर थी।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके विपरीत जो जीवाणु बायोफिल्म बनाते हैं उनकी कोशिकाओं में आयरन का स्तर अधिक होता है। वे बैक्टीरिया, जिनमें एंटीबायोटिक को सहन करने की क्षमता होती है उनमें भी आयरन का स्तर संतुलित पाया गया है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, आयरन के स्तर से जुड़ी ये यादें कम से कम चार पीढ़ियों तक बनी रहती हैं और सातवीं पीढ़ी तक नष्ट हो जाती हैं।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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