इस्लामाबाद, 17 अप्रैल (भाषा) सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीर को पाकिस्तान के ‘‘गले की नस’’ बताया और उन्होंने विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से देश की कहानी अपने बच्चों को बताने का भी आग्रह किया।
मुनीर ने इस बात पर जोर दिया कि उनके पूर्वज मानते थे कि हिंदू और मुसलमान जीवन के हर पहलू में भिन्न हैं।
जनरल मुनीर ने मंगलवार को इस्लामाबाद में पहले प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह (कश्मीर) हमारे गले की नस थी, यह हमारे गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे।’’
इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, वरिष्ठ मंत्री और विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी शामिल हुए।
भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख ‘‘हमेशा देश का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे।’’
भारत द्वारा पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख – में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुनीर ने प्रवासी समुदाय से आग्रह किया कि वे उन मूल्यों और दृष्टिकोण को संरक्षित रखें जिनके लिए पाकिस्तान का गठन किया गया था तथा इसकी कहानी अपने बच्चों के साथ साझा करें।
उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक एम ए जिन्ना द्वारा प्रतिपादित द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी बतानी होगी ताकि वे यह न भूलें कि हमारे पूर्वज सोचते थे कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं।’’
मुनीर ने कहा, ‘‘हमारे धर्म अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यहीं से द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई। हम दो राष्ट्र हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं।’’
भाषा शफीक रंजन
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