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Monday, 18 November, 2024
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अरुणाचल के तवांग में झड़प पर भारत के समर्थन में आया अमेरिका, बोला-चीन जानबूझकर उकसा रहा

राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा भी की है.

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नई दिल्लीः अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प को लेकर अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है.

अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है और बोला कि चीन ने ‘तथाकथित एलएसी पर फोर्सेज को इकट्ठा करना और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करना जारी रखा हुआ है.’

पेंटागन के प्रेस सचिव वायुसेना ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि अरुणाचल में चीन इंडो-पैसिफिक रीजन में अमेरिकी सहयोगियों और साझेदार देशों को जानबूझ कर उकसा रहा है.

अमेरिका ने भारत के लिए कहा कि वह अपने सहयोगियों की सुरक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है.

राइडर ने कहा, ‘हम अपने सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे और हम इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं.’

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी के पास यथास्थिति को बदलने का ‘एकतरफा प्रयास’ करने की कोशिश की लेकिन, भारतीय सेना ने बहादुरी से पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. हालांकि, झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए.’

सिंह ने स्पष्ट किया कि इस झड़प में किसी भी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है.

राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा भी की है.


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‘एकतरफा प्रयास’ का कड़ा विरोध

इस बीच व्‍हाइट हाउस ने भी इस मामले पर बयान दिया है. अमेरिका ने कहा है कि, ‘हम भारत और चीन को उनकी विवादित सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों के जरिए चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’ हालांकि, अमेरिका ने साथ ही यह भी कहा कि वह स्थापित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा पार क्षेत्र पर दावे के किसी भी ‘एकतरफा प्रयास’ का कड़ा विरोध करता है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने मंगलवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने झड़प रोक दी है. हम स्थिति पर करीबी से नज़र बनाए हैं.’

भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प पर ज्यां-पियरे से सवाल किया गया था.

उन्होंने कहा, ‘हम विवादित सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का इस्तेमाल करने के लिए भारत और चीन को प्रोत्साहित करते हैं. हम यह देखकर खुश हैं कि फिलहाल झड़प थम गई है.’

इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा कि भारत और चीन के बीच उत्पन्न स्थिति पर अमेरिका करीबी नजर बनाए हुए है.

प्राइस ने कहा, ‘हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने तुरंत ही झड़प रोक दी है. मेरे पास इस हालिया झड़प पर बताने को कुछ नहीं है लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखेंगे और अपने भारतीय समकक्षों के साथ संपर्क में हैं.’

उन्होंने दोहराया कि भारत, क्वाड और अन्य बहुपक्षीय मंचों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है.

प्राइस ने कहा कि अगर चीन ने किसी भी तरह से एकपक्षीय तरीके से एलएसी की स्थिति बदलने की कोशिश की या फिर सैन्‍य या असैन्‍य तरीके से घुसपैठ करके स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की तो अमेरिका उसका विरोध करेगा.

उन्‍होंने कहा कि भारत और चीन को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए विवादित सीमाओं के मसले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए.


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चाहते हैं तनाव न बढ़े’

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनिया गुतारेस ने भी भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘हां, हमनें खबरें देखी हैं. हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इलाके में तनाव और न बढ़े.’

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है.

गौरतलब है कि यह झड़प ऐसे समय में हुई है, जब भारत और चीन के बीच मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प से शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध का हल निकालने के लिए दोनों देश कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत कर चुके हैं.

भारतीय रक्षा सूत्रों के मुताबिक, 9 दिसंबर की सुबह छोटे हथियारों से लैस 200 से अधिक चीनी सैनिक तवांग से लगभग 35 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के अंदर आ गए. भारतीय सेना के 50 जवानों की एक टुकड़ी ने चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोका. लेकिन आधे घंटे के अंदर भारतीय सेना की बैकअप टीम मौके पर पहुंची और चीनी सेना को पीछे हटने को कहा, जिसके बाद झड़प शुरू हुई.


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