वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने में भूमिका निभाने के आरोप का एक बार फिर खंडन करते हुए कहा कि वह नये प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है.
अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध खासतौर पर बाइडन प्रशासन के दौरान उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. 69 वर्षीय इमरान खान को पिछले हफ्ते संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पद से हटा दिया गया था. खान ने अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया था. अमेरिकी सरकार ने इन आरोपों का साफ तौर पर खंडन किया है.
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘लगभग 75 वर्षों से, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध ‘महत्वपूर्ण’ रहे हैं. हम पाकिस्तानी संसद द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बधाई देते हैं, और हम उनके और उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान और व्यापक क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की सरकार के साथ काम जारी रखने के आकांक्षी हैं.’
इसके एक दिन पहले, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शरीफ को बधाई देते हुए कहा था ‘अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को महत्व देता है और लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को जारी रखने के लिए उत्सुक है.’
विपक्षी दलों की मदद से पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार को गिराने में अमेरिका की भूमिका के दावों पर प्राइस ने कहा कि इसमें ‘कोई सच्चाई’ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘इस पर हमारा संदेश स्पष्ट और सुसंगत रहा है. हमारे ऊपर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. हम मानवाधिकारों के सम्मान सहित संवैधानिक और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक सिद्धांतों का समर्थन करते हैं. फिर वह चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो, पाकिस्तान में हो या दुनिया में कहीं और हो.’
अमेरिका पहले भी कई बार खान के आरोपों का खंडन कर चुका है.
प्राइस ने कहा ‘हम कानून के शासन और कानून के तहत समान न्याय सहित व्यापक सिद्धांतों का समर्थन करते हैं.’
गौरतलब है कि एक दिन पहले, अमेरिका पर शासन परिवर्तन में भूमिका निभाने का आरोप जारी रखते हुए खान के समर्थकों ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के विरोध में प्रदर्शन किया था. उन्होंने एक पाकिस्तानी-अमेरिकी पत्रकार और समुदाय के कुछ सदस्यों पर कथित तौर पर हमला भी किया.
खान ने विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो सहायक सचिव डोनाल्ड लू पर उनकी सरकार को गिराने के लिए ‘विदेशी साजिश’ में शामिल होने का आरोप लगाया थे.
प्राइस ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तानी सेना के आकलन से सहमत है, जिसमें कहा गया है कि उसके पास यह बताने के लिए कोई सबूत नहीं है कि बाइडन प्रशासन ने इमरान खान की सरकार को हटाने की धमकी दी थी या किसी साजिश में शामिल था.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया ईकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले महीने एक विवादास्पद पत्र पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में ‘षड्यंत्र’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री खान के अनुसार, इस विवादित पत्र में उनकी सरकार को गिराने की धमकी दी गई थी.
गौरतलब है कि खान ने 27 मार्च को अपने निष्कासन से पहले एक सार्वजनिक सभा में एक ‘धमकी भरे पत्र’ को दिखाते हुए दावा किया था कि उनकी सरकार को अमेरिकी सरकार द्वारा धमकी दी गई थी और विपक्ष उनकी सरकार गिराने की साजिश में शामिल था.
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