काबुल: अमेरिका ने अफगान बलों के बचाव में बुधवार को तालिबान के लड़ाकों पर हवाई हमला किया. यह जानकारी एक अमेरिकी सैन्य प्रवक्ता ने दी. आतंकवादियों द्वारा किये गए कई खतरनाक हमलों के बाद हिंसा में बढ़ोतरी हुई है जिससे देश की शांति प्रक्रिया पर शुरुआत में ही सवाल खड़े हो गए हैं.
दक्षिणी हेलमंद प्रांत में अफगान सेना पर हवाई हमला पिछले 11 दिनों में पहला है. हालांकि इस हवाई हमले की खबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संवाददाताओं को यह बताने के कुछ घंटे बाद आयी कि तालिबान के राजनीतिक प्रमुख के साथ उनकी ‘बहुत अच्छी’ बातचीत हुई है.
विदेशी बलों की अफगानिस्तान से वापसी को लेकर शनिवार को ही अमेरिका और तालिबान के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे.
हालांकि दोहा में समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद आतंकवादियों ने अफगान बलों के खिलाफ हिंसा बढ़ा दी है. इससे काबुल और तालिबान के बीच होने वाली शांतिवार्ता पर सवाल खड़ा हो गया है. यह शांतिवार्ता 10 मार्च को शुरू होनी निर्धारित थी.
अमेरिकी..अफगानिस्तान बलों के प्रवक्ता सोनी लेगेट ने ट्वीट किया कि हवाई हमले में उन तालिबान लड़ाकों को निशाना बनाया गया जो हेलमंद में एक जांच चौकी पर अफगान बलों पर ‘सक्रिय रूप से हमला’ कर रहे थे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह हमले को रोकने के लिए बचाव में किया गया एक हमला था.’
उन्होंने कहा, ‘हम तालिबान से कहना चाहते हैं कि वह अनावश्यक हमला रोके और अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहे.
जैसा कि हमने दिखाया है, हम जब भी जरूरी होगा अपने साझेदारों का बचाव करेंगे.’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने मंगलवार को अकेले हेलमंद में जांच चौकियों पर 43 हमले किये.
प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता मोहम्मद जमान हमदर्द ने कहा, ‘पिछले दो दिनों के दौरान हमने हेलमंद प्रांत में तालिबान का सबसे तीव्र हमला देखा है.’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों ने कई जिलों और कई सैन्य अड्डों पर हमले किये हैं.’
सरकारी अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि तालिबान आतंकवादियों द्वारा अन्य प्रांतों में रात में किए गए हमलों में अफगान सेना और पुलिस के कम से कम 20 कर्मियों की मौत हो गई है.
प्रांतीय काउंसिल के सदस्य सैफुल्लाह अमीरी ने बताया, ‘तालिबान लड़ाकों ने कल रात कुंदुज के इमाम साहिब जिले में सेना की कम से कम तीन चौकियों पर हमला किया. इसमें कम से कम 10 सैनिकों और चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.’
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर मारे गए सैनिकों की संख्या की पुष्टि की जबकि प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता हज़रतुल्लाह अकबरी ने मारे गए पुलिसकर्मियों की संख्या की पुष्टि की.
आतंकवादियों ने मध्य उरुजगन प्रांत में मंगलवार रात में भी पुलिस पर हमला किया. गवर्नर के प्रवक्ता जरगई इबादी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से छह पुलिसकर्मी मारे गए और सात घायल हो गए.’
हमले की खबर ऐसे समय आयी है जब ट्रंप ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया था कि तालिबान के राजनीतिक प्रमुख मुल्ला बरादर के साथ ‘बहुत अच्छे’ संबंध हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुल्ला के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध है. आज हमारे बीच लंबी बातचीत हुई और आपको पता है, वे हिंसा बंद करना चाहते हैं.’
यद्यपि बुधवार को अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के प्रवक्ता सोनी लेगेट ने कहा, ‘अफगान और अमेरिकी बलों ने हमारे समझौतों का अनुपालन किया है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान इसको (अवसर) भटकाने और लोगों की शांति की इच्छा को नजरअंदाज करना चाहता है.’
गौरतलब है कि अमेरिका और तालिबान ने दोहा में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके मुताबिक अमेरिका और अन्य विदेशी सैनिक 14 महीनों में अफगानिस्तान छोड़ देंगे. हालांकि यह इस पर निर्भर करेगा कि तालिबान सुरक्षा की गारंटी दे और आतंकवादी यह संकल्प जतायें कि वे काबुल में राष्ट्रीय सरकार के साथ वार्ता करेंगे.
समझौते में यह प्रतिबद्धता भी शामिल है कि अफगान सरकार की कैद में बंद पांच हजार तालिबान कैदियों को 1000 बंधकों के बदले छोड़ा जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान ने इसे वार्ता के लिए पूर्व शर्त बताया है लेकिन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने वार्ता शुरू होने से पूर्व ऐसा करने से इंकार कर दिया है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने ट्वीट किया कि पिछले 24 घंटे में तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 15 में 30 हमले किये हैं.